एक दशक बाद आखिरकार भारतीय वायुसेना को फ्रांस के आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल मिलना आधिकारिक तौर पर तय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, आगामी 23 सितंबर को भारत फ्रांस के साथ राफेल डील पूरी कर लेगा।
सूत्रों के मुताबिक, यह सौदा 7.87 बिलियन यूरो यानी करीब 59 हजार करोड़ रुपये में होगा। इस सौदे के अंतर्गत 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत को मिलेंगे। फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यांवेस लीड्रियान डील पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत आएंगे।
7.87 अरब यूरो में से, फ्रांस 50 फीसदी ऑफसेट प्रावधान पर भी सहमत हो गया है। इसका मतलब यह है कि इस क्लॉज़ के तहत फ्रांस सौदे का 50 प्रतिशत भारत में फिर से निवेश करेगा या इतनी ही राशि सैन्य उपकरणों में निवेश करेगा।
भारत-फ्रांस के बीच हुए अंतर-सरकारी समझौता के मुताबिक कीमतों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी शामिल थी। वहीं, सरकार ने दावा किया है कि वह सौदेबाजी में राफेल के दामों को करीब 4500 करोड़ रुपये कम करवाने में सफल रही है।
बता दें कि इसी साल जनवरी में गणतंत्र दिवस पर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद जब मुख्य अतिथि थे तब सभी की निगाहें इस सौदे पर टिकी हुई थी लेकिन पैसों को लेकर बात नहीं बन पाई थी।
इसका कारण यह था कि भारत कीमतें कम करवाना चाहता था। बताया जाता है कि 26 जनवरी को रात दो बजे तक कीमतों के लेकर चर्चा हुई थी। बाद में भारत और फ्रांस ने कीमत का उल्लेख किए बिना ही एग्रीमेंट किया था।