फैजाबाद(अयोध्या) : विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए तराशे जाने वाले पत्थरों को राजस्थान से लाए जाने में अडंगा लगा रही है। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने आज बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कार्यशाला में तराशे जाने वाले पत्थरों को राजस्थान से लाए जाने पर उत्तर प्रदेश की सरकार ने रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में मंदिर के लिए पत्थर काट करके रखे गए हैं जिसको लाने में वाणिज्य कर विभाग ने फार्म-39 देने से मना कर दिया है।
शर्मा ने बताया कि जब विभाग से यह पूछा गया कि पत्थर लाने के लिए फार्म क्यों नहीं दिया जा रहा है तो उन्होंने मौखिक रोक लगाने की बात कही है। इससे लगता है कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार एक वर्ग को खुश रखने के लिए राजस्थान से अयोध्या में पत्थर लाने के लिए रोड़ा डाल रही है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला में वर्ष 1990 से राजस्थान की खदानों से मंदिर के लिए तराशे जा रहे पत्थरों को मंगाया जा रहा था। मार्च में पत्थर मंगाने के लिए एक बार फिर से राम जन्मभूमि न्यास की ओर से वाणिज्य कर विभाग फैजाबाद में आवेदन किया गया था जो स्वीकार करते हुए फार्म 39 उपलब्ध करा दिया गया परन्तु जब दोबारा न्यास की ओर से फार्म 39 की मांग की गई तो विभाग ने यह कहकर फार्म उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया कि उच्च अधिकारियों की ओर से रोक है इसलिए हम फार्म नहीं दे सकते।
शर्मा ने बताया कि अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण के लिए सितंबर 1990 से पत्थर तराशे जा रहे हैं। अब तक सवा लाख घन फुट पत्थर तराशे जा चुके हैं। दो मंजिला में लगने वाले भूतल के पत्थर तराशे जा चुके हैं। ऊपर के हिस्से का भी कुछ पत्थर तराशा जा चुका है। उन्होंने बताया कि कुल 65 प्रतिशत पत्थर तराशे जा चुके हैं। विहिप मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस समय कार्यशाला में पत्थर तराशने के लिए चार कारीगर सहित 10 लोग काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राजस्थान से पत्थर लाने के रोक पर मंदिर निर्माण के तराशे जाने के पत्थरों की कमी आ गई है जिससे पत्थर तराशने के लिए कार्यशाला में और कारीगर बढ़ाने में मुश्किलें पैदा हो रही हैं।