नई दिल्ली, २६ नवंबर: भारतीय जनता पार्टी ने अपने राज्यसभा एम पी और मुल्क के मशहूर वकील राम जेठमलानी को फौरी तौर पर पार्टी से मुअत्तल करते हुए ‘वजह बताओ नोटिस’ जारी किया है। भाजपा ने जेठमलानी से 10 दिन में जवाब मांगा है। साथ ही पार्टी ने उनसे पूछा, ‘क्यों ना आपको पार्टी से निकाल दिया जाए।’ यह नोटिस भाजपा की पार्लीमानी बोर्ड की इजलास के बाद जारी किया गया।
जेठमलानी बीते कई दिनों से सयासी मसलों पर पार्टी लाइन के खिलाफ जा रहे थे। साथ ही उन्होंने पार्टी सदर नितिन गडकरी के खिलाफ बदउनवानी मुखालिफत का महज खोलते हुए उनसे इस्तीफे की मांग कर डाली थी, लेकिन एतवार को जेठमलानी ने यह कहा की पार्टी में मुझे निकालने की हिम्मत नहीं है। आखिर पार्टी को बताना पड़ा कि जेठमलानी कितने ही सीनीयर हों, पार्टी से बड़े नहीं हैं। पार्टी ने जेठमलानी के बयानों को ‘इंडिसीप्लीन’ बताया।
पार्टी तरजुमान शाहनवाज हुसैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जेठमलानी ने लोकसभा में अपोजिशन के लीडर अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के तरफ से वजीर ए आज़म को सीबीआई डायरेक्टर की तकर्रूरी के मुखालिफत में लिखे गए खत की मुखालफत की और डायरेक्टर की तकर्रूरी पर हुकूमत की तारीफ की।
हुसैन ने बताया कि भाजपा सदर ने पार्टी संविधान की धारा 25 का इस्तेमाल करते हुए जेठमलानी को इब्तिदायी रुकनीयत से मुअत्तल किया है। अब पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी में है। उनके खिलाफ पार्टी ने संसदीय दल को सिफारिश भेज दी है। वहीं, कांग्रेस तर्जुमान राशिद अल्वी ने इस मुअत्तल को भाजपा का अंदरूनी मामला करार दिया।
जेठमलानी ने क्या कहा था
पार्टी में बहुत से लोग मेरी बातों से सहमत हैं, लेकिन खुल कर बोलने की हिम्मत सबमें नहीं होती। मैं बहुत छोटा इंसान हूं। अगर मेरे खिलाफ कोई कदम उठाया जाता है तो उसका इस्तेकबाल करूंगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी में मेरे खिलाफ कदम उठाने की हिम्मत है।