राम मंदिर निर्माण के लिए लोकसभा में सहमति बनाने के लिए सासंदो को पत्र लिखेंगे साधू- संत!

रामनगरी अयोध्या में 25 नवम्बर को हुई धर्मसभा और राममंदिर निर्माण को मिले आमजन के समर्थन से गदगद सगरा पीठाधीश्वर बालयोगी हरिचैतन्य शिवयोगी मौनी महाराज ने अब यह तय किया है कि वे राममंदिर निर्माण के लिए सांसदों का समर्थन प्राप्त करने के लिए देश भर के सांसदों को पत्र भेजकर रामजन्म भूमि पर रामजी का भव्य मंदिर निर्माण करने में खुलकर समर्थन करने की अपील करेंगे।

गौरतलब है कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी धर्मादेश जारी करते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष सहित सभी सांसदों को राममंदिर निर्माण के लिए संविधान में संशोधन कराकर श्रीराम मंदिर निर्माण कराने की मांग रखी थी।

मौनी महाराज ने एक समाचार “पत्रिका” से बात करते हुए कहाकि अयोध्या में राम मंदिर बनाने का फैसला देश की जनता का है। लेकिन राम मंदिर निर्माण में आने वाली कानूनी बाधा दूर करने के लिए देश भर के सांसदों को पत्र लिखकर समर्थन जुटाने का फैसला किया है ।

उन्होंने कहा कि 11 दिसम्बर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है । इसलिए सांसदों को पत्र लिखकर सदन में राम मंदिर निर्माण के लिए सहमति के लिए चर्चा कराने का अनुरोध करेंगे ।

मौनी स्वामी ने कहा कि सरकार राममंदिर निर्माण की जगह भगवान राम की प्रतिमा सरयू नदी के किनारे स्थापित करने जा रही है लेकिन मन्दिर निर्माण पर मौन धारण किये हुए हैं। मौनी महाराज चाहते कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण चारों शंकराचार्यों और 13 अखाड़ों के प्रमुखों के साथ साधु-संतों के सहयोग से बने ।

सगरा पीठाधीश्वर मौनी स्वामी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर काफी नाराज हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री ने एक चुनाव प्रचार में हनुमानजी को दलित बताया था। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हनुमानजी दलित नहीं थे , वे राम भक्त थे।

राम कार्य के लिए ही उनका जन्म हुआ था। हनुमानजी रुद्रावतार थे। जब शब्दकोश में ही दलित शब्द नहीं है तो देवी देवताओं को वोट के लिए दलित बताना सरासर आपत्तिजनक और निंदनीय है।

साभार- ‘पत्रिका’