राशन शॉप्स के बेशतर मालेकीन मुहल्ला जात के बा असर अफ़राद

पुराना शहर के अवाम को ही हुकूमत के सौतेला पन , हुक्काम के तास्सुब-ओ-जानिबदारी और नुमाइंदगी का दावा करने वालों की बेहिसी और इलाक़ा के बा असर अफ़राद के नारवा सुलूक का सामना करना पड़ता है । हम ने देखा कि तक़रीबन राशन शॉप्स के मालेकीन मुहल्लाजात के बाअसर-ओ-ताक़तवर अफ़राद हैं अगर उन के ताल्लुक़ात की खोज की जाये तो उन का ताल्लुक़ किसी ना किसी तरह एम एल ए या कम अज़ कम कारपोरेटर से ज़रूर होता है ।

एक बुज़ुर्ग ने पुर ज़ोर अंदाज़ में कहा कि ऐसे राशन शाप मालेकीन भी हैं जो अवाम का राशन दबा लेते हैं लेकिन वो मसाजिद की कमेटियों में तक शामिल है । उन के ख़िलाफ़ कोई गरीब आवाज़ नहीं उठा सकता । हुकूमत और महिकमा सिविल स्पलाईज़ को चाहीए कि शहर के राशन शॉप्स का पाबंदी से मुआइना करें और ये देखें कि अनाज हक़ीक़ी लोगों तक पहूंच पारहा है यह नहीं ।

अवाम की ये भी शिकायत है कि राशन शाप मालेकीन चावल और तेल चोरी से फ़रोख़त करदेते हैं । बोग्स राशन कार्ड्स बनाना भी इन ही लोगों का दिलचस्प मशग़ला है ताकि चावल और तेल बाज़ार में फरोख्त किया जा सके ।।