नई दिल्ली: आज राष्ट्रपति भवन में इफ़्तार का आयोजन किया गया था और राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी के इस इफ़्तार में लगभग सभी दलों के बड़े बड़े नेता शामिल हुए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस इफ़्तार में अनुपस्थित रहे. उनकी अनुपस्थिति को महसूस भी किया गया. इस मौक़े पर जहां प्रणब मुख़र्जी ने इफ़्तार और रमज़ान को एकता और संस्कृति की पहचान बताया ऐसे में देश के प्रधानमंत्री मोदी एकता के सन्देश से महरूम ही रहे.
पहले भी वो मुसलमानों के किसी भी प्रोग्राम में जाने से बचते रहे हैं. इस वाकये से क्या ये मतलब निकालना चाहिए कि मोदी अपनी कट्टर छवि के आज तक मुरीद हैं? बात जो भी हो लेकिन प्रधानमंत्री की उपस्थिति एक अच्छा पैग़ाम भेजती.