कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को यह कहते नया विवाद खड़ा कर दिया कि उनकी पार्टी 1984 के सिख दंगों में शामिल नहीं थी. CNN-News18 के एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, ‘मुझे कोई संदेह नहीं हैं. यह एक त्रासदी थी, यह एक दर्दनाक अनुभव था. आपका कहना है कि इसमें कांग्रेस शामिल थी मैं इससे सहमत नहीं हूं. निश्चित रूप से हिंसा हुई थी, वह त्रासदी थी.’ बता दें कि इन दंगों ने देश को हिला दिया था और इसमें हजारों सिखों की जान गई थी.
कांग्रेस के कई नेताओं जैसे जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार पर इन दंगों में शामिल होने के आरोप हैं. यह दंगे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख बॉडीगार्ड द्वारा हत्या के बाद हुए थे. अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने राहुल गांधी के बयान की आलोचना की और माफी की मांग की. उन्होंने कहा, ‘जब दंगों के बारे में पूछा गया था तो राजीव गांधी ने उस समय कहा था कि एक बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. जगदीश टाइटलर ने कहा था कि नरसंहार की सफलता देखने को राजीव गांधी उनके साथ दिल्ली की कई जगहों पर गए थे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘राहुल गांधी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए और सज्जन कुमार व जगदीश टाइटलर के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. जब राहुल गांधी कांग्रेस के शामिल होने से इनकार करते हैं तो यह सरासर झूठ हैं.’
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘राहुल गांधी के पास जो भी नेतृत्व की काबिलियत थी उसे खत्म कर दिया. याद करिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माफी मांगी थी.’
कांग्रेस ने राहुल गांधी के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि सवाल थोपा गया था. पार्टी की ओर से कहा गया, ‘एक थोपे हुए और विरोधी सवाल जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस 1984 के दंगों में आपराधिक रूप से शामिल थी, राहुल गांधी ने इस पर कहा कि यह बयान गलत है. कांग्रेस दंगों में आपराधिक रूप से शामिल नहीं थी. जो कुछ भी हुआ वह दुखद था. यह काफी दुर्भाग्यजनक था.’
बता दें कि 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1984 में मारे गए 4000 सिखों की हत्याओं पर संसद में माफी मांगी थी. इसके बाद तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी खेद जताया था. राहुल गांधी ने भी अपनी भावनाएं जाहिर की थीं.