हिंदुस्तानी क्रिकेट टीम के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के 1987 -ए-के वर्ल्डकप और 1992 -ए-के वर्ल्डकप में चंद यादगार लमहात वाबिस्ता हैं
उन्होंने 1987 -ए-के वर्ल्डकप में बाल ब्वॉय का किरदार अदा किया था लेकिन 1992 -ए-के वर्ल्डकप में उन्होंने हिंदुस्तान की नुमाइंदगी की थी लेकिन उसके बावजूद अपने हीरो ववीन रिचर्ड्स के ख़िलाफ़ वर्ल्डकप में मुक़ाबला ना करने का उन्हें अफ़सोस है। सचिन तेंदुलकर ने इस बारे में इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए कहा कि मुझे याद है जब 1987 -ए-का वर्ल्डकप खेला गया तो में इस वर्ल्डकप में एक बाल ब्वॉय था
उसके बाद वर्ल्डकप में, में हिंदुस्तानी टीम का रुकन था और मुझे आज भी वो तक़रीब याद है जो सिडनी में हुई थी। उस मौके पर डार्लिंग हारबोर में एक तर्तीब दिया गया था जहां उस वक़्त के कई अज़ीम खिलाड़ी मौजूद थे। तेंदुलकर ने 1992 -ए-वर्ल्डकप में एक नौजवान खिलाड़ी की हैसियत से शिरकत की थी और 47 की औसत से 283 रंस स्कोर करने के अलावा उस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 43 और ज़िमबाब्वे के ख़िलाफ़ 55 रंस की कामयाबी में वो मैन आफ़ दी मैच ऐवार्ड हासिल किया था।
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि चंद अज़ीम खिलाड़ियों इमरान ख़ान, जावेद मियांदाद, वसीम अकरम, अयान बोथम, गराइम गोच, केपलर वीसलज़ , माल्कम मार्शल, रची रिचर्डसन और काटली एंब्रोज़ के ख़िलाफ़ मुक़ाबला में शिरकत चंद यादगार लमहात हैं लेकिन मुझे अपने हीरो वीवन रिचर्ड्स के ख़िलाफ़ मुक़ाबला खेलने का मौक़ा नहीं मिला जो मेरे लिए मायूसकुन है क्योंकि उस मौके पर हमारा वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ मुक़ाबला नहीं था।
तेंदुलकर ने मज़ीद कहा कि 1992 -ए-का वर्ल्डकप दुनियाए क्रिकेट में कई बेहतरीन खिलाड़ियों को मुतआरिफ़ करने वाला टूर्नामेंट था जिस में ऐलन डोनाल्ड भी शामिल थे जिन के मुताल्लिक़ हर कोई तबादला-ए-ख़्याल करता था। इंज़िमाम उल-हक़ को रन आउट करते हुए जानटी रहोडस रातों रात सुपर स्टार बन गए थे। नीज़ इंज़िमाम उल-हक़ ने भी न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ यादगार इनिंगस खेलते हुए एक स्टार खिलाड़ी के तौर पर अपनी आमद का ऐलान किया था।