क्रिकेट का खेल बर्र-ए-सग़ीर में जुनून की हैसियत इख़तियार करचुका है लेकिन ब्राज़ील में जारी वर्ल्ड कप भी जुनूबी एशिया में रंग जमा चुका है। दोनों खेलों में कोई बराबरी नहीं अलबत्ता कुछ बड़े नाम मिला हैं।
दुनिया के अज़ीमतरीन बैटस्मेनों में से एक वीवी रिचर्ड्स के बारे में कम लोग जानते हैं कि वो ज़बरदस्त फुटबॉलर भी थे। वो दुनिया के वाहिद क्रिकेटर हैं जिन्होंने फुटबाल वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया। वेस्ट इंडीज़ के साबिक़ स्टार ने 1974 में एंटीगा की जानिब से क्वालीफाइंग राउंड में शिरकत की।
उनके हमवतन एम्पायर स्टीव बकनर क्रिकेट में आने से क़बल आलमी मेयार के फुटबाल रैफ़री थे। उन्होंने वर्ल्ड कप क्वालीफाइंग मैचिज़ की निगरानी भी की है। 1966 में इंगलैंड को फुटबाल आलमी चैंपियन बनाने वाले कप्तान बोबी मोर ने काउंटी क्रिकेट में भी नाम कमाया था। वो इतने अच्छे क्रिकेटर थे कि उस वक़्त के माहिरीन का ख़्याल था वो बैनुल-अक़वामी क्रिकेट में इंगलैंड की नुमाइंदगी ज़रूर करेंगे लेकिन बोबी मोर की मंज़िल कुछ और थी।
इतालवी फुटबाल टीम के मारूफ़ स्ट्राईकर क्रिस्चियन वीइरी बचपन में क्रिकेटर बनना चाहते थे। उनकी ज़िंदगी के इबतिदाई साल सिडनी में गुज़रे। साबिक़ ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ऐलन बॉर्डर उनके पसंदीदा क्रिकेटर थे। उन्होंने वर्ल्ड कप मैचिज़ में इटली की जानिब से सब से ज़्यादा 9 गोल स्कोर किए हैं।
उनके बारे में ऐलन बॉर्डर ने कहा था कि अगर वीइरी के वालिद अगर दुबारा इटली चले जाने का फ़ैसला ना करते तो वीइरी ज़रूर टेस्ट क्रिकेटर बन सकते थे। दूसरी जानिब ऑस्ट्रेलियाई ख्वातीन क्रिकेट टीम की अहम ऑलराउंडर अलीज़ी पीरी भी क्रिकेट और फुटबाल वर्ल्ड कप मुक़ाबलों में अपने मुल्क की नुमाइंदगी करने का एज़ाज़ रखती हैं।