पुराने शहर के इलाक़े मिस्रीगंज से ताल्लुक़ रखने वाले रीयल स्टेट ताजिर को शातिर धोका बाज़ ख़ातून ने ठग लिया। बताया जाता हैके कमुहम्मद फ़ारूक़ साकिन मिस्रीगंज अख़बारात में इश्तिहारात के ज़रीये अपना कारोबार चलाता है।
इस सिलसिले में एक इश्तिहार के ज़रीये साल 2012 में मुहम्मद फ़ारूक़ को एक ख़ातून ने प्लाट ख़रीदने के सिलसिले में फ़ोन किया और इस से क़ुरबत हासिल की। फ़ारूक़ को ख़ातून ने मदद की दरख़ास्त करते हुए 2 लाख रुपये तलब किए और फ़ौरी इज़ाफ़ी रक़म के साथ लौटाने का लालच दिया। फ़ारूक़ धोकाबाज़ ख़ातून के झांसे में आगया और इस ने 2 लाख रुपये इलाके तारनाका में ख़ातून के हवाले किए और रक़म की हसोली के फ़ौरी बाद वो रफूचक्कर होगई।
बताया जाता हैके ख़ातून की तरफ से ठग लिए जाने के बाद फ़ारूक़ ने उस्मानिया यूनीवर्सिटी पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई जिस पर एक मुक़द्दमा दर्ज करते हुए ख़ातून की तलाश शुरू करदी गई। इंस्पेक्टर यूनीवर्सिटी अशोक रेड्डी ने बताया कि इबतिदाई तहक़ीक़ात में ये मालूम हुआ हैके ख़ातून ने धोका दही की ग़रज़ से फ़ारूक़ से क़ुरबत हासिल की थी और रक़म लेकर फ़रार होगई। उन्होंने बताया कि दो ख़ुसूसी टीमें धोकाबाज़ ख़ातून को तलाश कररही है और अनक़रीब उसे गिरफ़्तार करलिया जाएगा।