रियासत का नज़म-ओ-नसक़ बुरी तरह मफ़लूज

रियासत का नज़म-ओ-नसक़ बुरी तरह से मफ़लूज हो चुका है और अब इस सूरत-ए-हाल से निमटना मौजूदा हुकूमत में किसी के बस की बात नहीं है। दवा ख़ानों में बच्चों की अम्वात होरही हैं। शहरी इलाक़ों में पानी नहीं है। देही इलाक़ों में बर्क़ी (बिजली) नहीं है।

गुज़शता एक हफ़्ता के दौरान ऐस वी वी आर सरकारी दवाख़ाना में नाकाफ़ी अदवियात और सहूलतों की अदमे मौजूदगी के सबब बच्चों की अम्वात की तादाद 15 तक पहुंच चुकी है।

मिस्टर मुद्दो करशनम नायडू ने बताया कि रियासत की सूरत-ए-हालसे इस बात का अंदाज़ा करना दुशवार नहीं है कि रियासत में मौजूद हुक्मराँ सिर्फ अपने इक़तिदार के तहफ़्फ़ुज़ की फ़िक्र में हैं, उन्हें अवाम की फ़लाह-ओ-बहबूद से कोई दिलचस्पी नहीं है।

तेलगूदेशम पार्टी ने अपने दौर-ए-इक्तदार में अवाम की फ़लाह-ओ-बहबूद और तरक़्क़ीयाती इक़दामात को तर्जीह दी थी, जबकि कांग्रेस की तर्जीहात बदउनवानीयों(करप्शन)-ओ-बे क़ाईदगियों के ज़रीया दौलत का हुसूल है।

रुकन असेंबली तेलगूदेशम ने बताया कि ऐस वे वे आर हॉस्पिटल में होरही अम्वात के ख़िलाफ़ तेलगूदेशम पार्टी की तिरूपति में ज़ंजीरी भूक हड़ताल जारी है।