हैदराबाद 20 जून:आंध्र प्रदेश की तक़सीम के एक साल की तकमील के बावजूद बाज़ शोबाजात में अभी भी आंध्रई ताक़तों का तसल्लुत बरक़रार है और तेलंगाना के साथ नाइंसाफ़ी की जा रही है।
अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन की दोनों रियासतों में तक़सीम को तीन माह मुकम्मिल होगए लेकिन आंध्र प्रदेश के ओहदेदार कारपोरेशन की रक़म में तेलंगाना के हिस्से को जारी करने से गुरेज़ कररहे हैं जिस के नतीजे में तेलंगाना में मुख़्तलिफ़ स्कीमात पर अमल आवरी मुतास्सिर होरही है।
बताया जाता हैके आंध्र प्रदेश अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन की तक़सीम के ज़रीये तेलंगाना के लिए अलाहिदा फाइनैंस कारपोरेशन क़ायम कर दिया गया इस के बाद कारपोरेशन के फिक्स्ड डिपाज़िट और दुसरे रक़ूमात की 58 और 42 के तनासुब से दोनों रियासतों में तक़सीम की जानी चाहीए लेकिन तेलंगाना हुकूमत की तवज्जा दहानी के बावजूद आंध्र प्रदेश से ताल्लुक़ रखने वाले ओहदेदार रक़म की इजराई में टाल मटोल से काम ले रहे हैं।
ट्रेनिंग इम्पलाइमेंट स्कीम के तहत कारपोरेशन को तेलंगाना के मुख़्तलिफ़ इदारों को बजट जारी करना है। इस के अलावा दुसरे स्कीमात पर अमल आवरी भी रक़म की अदम दस्तयाबी के सबब मुतास्सिर हुई है।
तेलंगाना अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन के ओहदेदारों ने आंध्र प्रदेश के ओहदेदारों को रक़म की इजराई के लिए बारहा तहरीरी और ज़बानी नुमाइंदगी की है। कारपोरेशन में 59 करोड़ रुपये का स्कॅम भी मंज़रे आम पर आया था जिस की तहक़ीक़ात अभी जारी हैं। स्कॅम की रक़म की बाज़याबी के बाद ये रक़म भी दोनों रियासतों में तक़सीम करदी जाएगी।