लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भोपाल एनकाउंटर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे रिहाई मंच के कार्यकर्ताओं को यूपी पुलिस ने जमकर पीटा है। पुलिस की पिटाई में रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव को गंभीर चोटें आईं हैं। राजीव यादव को अधमरे हालत में लखनऊ के हजरतगंज थाने ले जाया गया।
वहीं इस घटना के बाद रिहाई मंच के अध्यक्ष शोएब एडवोकेट ने इस लोकतंत्र पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस लोकतंत्र में लोगों को अपनी कहने का भी अधिकार नहीं दे रही है। वहीं घायल राजीव को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। रिहाई मंच के कार्यकर्ताओं ने यूपी की सपा सरकार पर बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप लगाया है।
रिहाई मंच के प्रवक्ता अनिल यादव ने सियासत न्यूज से कहा, ‘अभी हमारा विरोध प्रदर्शन शुरू नहीं हुआ था। जीपीओ पहुंचकर हम अपना बैनर टांग रहे थे लेकिन वहां पहले से मौजूद पुलिस ने हमें धरना करने से मना कर दिया। इसके बाद राजीव ने जीपीओ पुलिस चौकी इंचार्ज ओमकार नाथ यादव से इसकी वजह जाननी चाही तो पहले उनके साथ बदसुलूकी हुई, फिर बुरी तरह पिटाई भी की।पुलिस उन्हें और शक़ील कुरैशी को मारती हुई पुलिस चौकी तक ले गई है।
मंगलवार को रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा था कि जिस तरह से भोपाल जेल से सिमी के आरोपी आठ युवक देर रात फरार होने की खबर आई और उसके बाद उनका एनकाउंटर कर दिया उससे पुलिस और सरकार पर सवाल उठना लाजिम है। रिहाई मंच के शुऐब ने कहा कि लगातार सिमी और आईएम के नाम पर जेलों में बंद कैदियों की हत्या की जा रही है, खासतौर से उन लोगों की जिनकी रिहाई होने वाली है। उन्होंने कहा कि वारंगल में पांच युवकों की जेल ले जाते वक्त हत्या कर दी गई। इन घटनाओं से ऐसा प्रतीत होता है कि केन्द्रिय खुफिया एजेंसियां और प्रदेश की पुलिस मिलकर इन घटनाओं को अंजाम दे रही हैं।
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