रुस के करीबी को ट्रम्प ने बनाया विदेश सचिव

वॉशिंगटन। बुधवार को रेक्‍स टिलीरसन के नाम को अमेरिका के अगले विदेश सचिव के तौर पर सीनेट ने मंजूरी दे दी है। टिलीरसन ने मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को अपने पद की शपथ ली। टिलीरसन राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की टीम की राष्‍ट्रीय सुरक्षा टीम काफी अहम सदस्‍य हैं।

ओवल ऑफिस में शपथ लेने के बाद ट्रंप ने टिलीरसन की तारीफों के पुल भी बांधे। ट्रंप ने कहा, ‘डिप्‍लोमैट्स का काम और विदेश विभाग का मिशन अमेरिका के हितों के लिए काम करना है और अमेरिका को सुरक्षित बनाना है। उन्‍हें हमारे देश को और समृद्ध बना है और पहले से ज्‍यादा सुरक्षित बनाना है।’ ट्रंप को यकीन है कि अमेरिका आज के तनाव के दौर में शांति और स्‍थायित्‍व को हासिल कर सकता है।

सीनेटर्स ने एक्‍सॉन मोबिल के सीईओ टिलीरसन के नाम को 56-43 के वोट्स से मंजूरी दी। डेमोक्रेट्स ने हालांकि टिलीरसन को पद पर न आने देने के लिए असफल प्रयास किया। डेमोक्रेट्स का कहना है कि उन्‍हें इस बात का डर है कि चार दशक तक ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाले टिलीरसन दुनिया को कॉरपोरेट एग्जिक्‍यूटिव के चश्‍मे से ही देखेंगे। डेमोक्रेट्स ने टिलीरसन ने सवाल किया कि अगर कभी राष्‍ट्रपति ट्रंप गलत हुए तो क्‍या वह उनका विरोध करेंगे?

रिपब्लिकंस से डेमोक्रेट्स की शिकायतों को खारिज कर दिया और कहा कि टिलीरसन इस पद के लिए सर्वश्रेष्‍ठ हैं। टिलीरसन के पद संभालते ही अमेरिका की ओर से ईरान को मिसाइल का टेस्‍ट करने पर नोटिस दिया गया है। ईरान ने बुधवार को एक बैलेस्टिक मिसाइल का टेस्‍ट किया है।

ईरान से जुड़े विद्रोहियों ने भी यमन में लाल सागर में सऊदी अरब के जहाज पर हमला किया है। टिलीरसन को आते ही ट्रंप के उस एग्जिक्‍यूटिव ऑर्डर के पैदा हालातों से भी निबटना पड़ेगा। इस ऑर्डर की वजह से सात मुसलमान देशों के नागरिकों पर अगले 90 दिनों तक प्रतिबंध लग गया है।