हिंदूस्तान और रूस ने यहां की आर्डीनैंस फैक्ट्रियों में 80 कीलोमीटर मुसाफ़त पर ज़रब लगाने वाले राकेटस की तय्यारी केलिए एक मुआहिदा पर दस्तख़त किए हैं।
आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने रूस की कंपनी के साथ एक मुशतर्का वेंचर केलिए याददाश्त मुफ़ाहमत पर दस्तख़त किए हैं। इस के ज़रीया
पाँच किस्म के असमरच रेकेटस तय्यार किए जाएंगे ।
वज़ारत-ए-दिफ़ा(बचाव मंत्री) के एक बयान में बताया गया है कि रूस से टेक्नॉलोजी मुंतक़िल करके रेकेटस बनाए जाएंगे । 6 साल क़बल इन रेकेटस की शमूलीयत के बाद फ़ौज में इन का इस्तेमाल होरहा है ।
इस के इलावा असमरच रेकेटस के मज़ीद दो रजमैंटस की ज़रूरत है । इन रेकेटस की तय्यारी केलिए इसी टैक्नालोजी इस्तेमाल की जाती है जिस से 70 ता 80 कीलोमीटर की मुसाफ़त तक ज़रब लगाई जा सकती है ।
वज़ीर दिफ़ा ए(बचाव मंत्री) के अंतोनी ने इस मुआहिदा को मंज़ूरी देदी है । बरसों से रूस ही हिंदूस्तान की फ़ौज को असलाह सरबराह करता आब रहा है । असलाह की सरबराही में रूस सब से बड़ा मुल्क है ।