रोबोट उठाएगा आपके घर और गलियों का कचरा

आपके घर, दफ्तर और आसपास के इलाके में गंदगी रहती है और आपके पास वक़्त नहीं है तो कोई बात नहीं। सिंदरी शहरपुरा के रहने वाले द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव के बेटे और इंजीनियरिंग के तालिबे इल्म अंकुश श्रीवास्तव ने ऐसे रोबोट बनाए हैं, जो इस मसले से छुटकारा दिलाएगा। घर, दफ्तर और गलियों का कचरा उठाने के लिए रोबोट बने हैं। उनकी पढ़ाई सिंदरी के सरस्वती विद्या मंदिर में हुई है। अभी वे मोतिहारी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल एण्ड इलेक्ट्रोनिक्स स्ट्रीम के सातवें समेस्टर के तालिबे इल्म हैं।

अंकुश ने अब तक आम लोगों के इस्तेमाल के 4 आलात बना चुके हैं। इनमें से दो, कॉब वेब क्लिनर और पिक पॉकेट को पेटेंट कराने के लिए साल 2008 में दरख्वास्त किया है और बाक़ी दो रोबोट और नाबीना की सेक्युर्टी के डिवाइस के पेटेंट राइट के लिए दरख्वास्त करने वाले हैं। उन्हें साल 2009 में अपने बेस्ट इनोवेशन के लिए नई दिल्ली के पूसा कैंपस में मुनक्कीद 5वें क़ौमी बाइनियल कंपीटिशन में मौजूदा सदर प्रतिभा पाटिल से अवार्ड भी मिल चुके हैं।

यह आलात कपड़ों के अंदर या हैंड गलव्स में रखा जा सकता है। इस डिवाइस से अल्ट्रासोनिक रेज़ निकलती हैं जो सामने की रुकावट से टकरा कर वापस डिवाइस के माइक्रोकंट्रोलर तक पहुंचती है। आलात के अंदर पावरफुल माइक्रोप्रोसेसर है, जो इको को शिनाख्त कर वाइब्रेट करने लगता है। रुकावट दूर हो तो वाइब्रेशन धीमा और नज़दिक हो तो तेज होने लगता है। इससे नाबीना को रास्ते में चलने में आसानी होगी।