लंदन में मुसलमानों ने क्रिसमस के अवसर पर बेघरों को खाना खिलाने के लिए की 10 टन खाद पदार्थ दान किया। शुक्रवार को सैकड़ों मुसलमानों जुमे की नमाज़ के बाद ईस्ट लंदन के मस्जिद पास इसके लिए इकठ्ठा हुए।
जैसा कि तस्वीरों में देखा जा सकता है, कि 7,500 मुस्लिमों की मण्डली ह्वाइटचैपल मस्जिद के पास जुमे की नमाज़ के बाद दान में दियाजाने वाला भोजन जमा कर रहा है। मंडली के सदस्यों ने चावल, पास्ता, अनाज और अन्य डिब्बाबंद भोजनों की खरीदारी की और उसे वितरित करने के लिए जमा किया।
आयोजकों के मुताबिक, फिलहाल स्थानीय व्यवसायों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों और अन्य धर्मिंक के नेताओं से सात टन खाद्य पदार्थ दान किया गया है। इसमें 90 फीसद के अधिक भोजन बेघर और बेसहरों को दान किया जाएगा।
मस्जिद के मुख्य इमाम शेख़ अब्दुल कयूम, जिन्होंने इस चैरीटी का आयोजन किया, उनका कहना है कि यह उनके विश्वास से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि मुसलमान दूसरों की मदद करने में विश्वास करते हैं। यह हर मुसलमान का कर्यव्य है कि वो किसी व्यक्ति की आस्था या पृष्ठभूमि की परवाह किए बगैर उसकी मदद करे और इसको अपना धार्मिक कर्तव्य समझे है। यही करुणा इस्लाम को दर्शाता है। उन्होंने इसके आगे कहा कि सर्दी के महीने में हम आलीशान घर और गर्म भोजन की विलासिता में मसरूफ होते है तब हम अपने आसपास के लोगों को भूल जाते हैं जिनके पास खाने को खाना और घर नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखते इस अभियान को चलाया जा रहा है।
लंदन के आबादी की एक भारी संख्या सड़कों पर अपना बसर करती है। सरकारी आकड़ों के मुताबिक, हर दिन लगभग 3,500 लोग फुटपाथों पर सोते हैं। साल 2014 से बाद इसमें तेजी से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। चैरिटी सेंटर चेतावनी दी है कि इस क्रिसमस पर 25,000 युवा बेघर होंगे।
मुस्लिम सहायता समूह के मुख्य कार्यकारी जहांगीर मलिक ने कहा कि भारी संख्या में लोग भूख और आवास संकट गुजर रहे हैं। सड़कों पर सोने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और लोग बेसहारा होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वास है कि देश में क्रिसमस पर बेसहारा लोगों को अधिक-से-अधिक सहायता पहुंचाई जाए।
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