लखनऊ में मुस्लमानों को मस्जिद की तामीर-ओ-तौसीअ तज़ईन कारी की इजाज़त में दुश्वारियां

लखनऊ, ०२ फरवरी ( नाफ़े क़दवाई) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवामी मुक़ामात पर अक्सरीयती फ़िर्क़ा को गै़रक़ानूनी तरीक़ा से अपनी इबादत गाहैं तामीर करने की खुली छूट-ओ-आज़ादी है लेकिन अक़ल्लीयती फ़िर्क़ा बिलख़सूस मुस्लमानों को इतनी भी इजाज़त नहीं है कि वो अपनी ही ज़मीन पर अपनी ही इबादतगाह की किसी ज़मीन पर मस्जिद की तौसीअ-ओ-तज़ईन कर सकें ।

क्या इंतिज़ामीया क्या शरपसंद अनासिर सब ही इस किस्म की तामीर की मुख़ालिफ़त में खड़े हो जाते हैं । गुज़श्ता दिनों लखनऊ चार बाग़ रेलवे स्टेशन के बिलकुल सामने नत्था होटल चौराहे पर ज़माना-ए-क़दीम से एक मस्जिद ए आयशा बनी हुई है इस मस्जिद में चार बाग़ नाका बनडोला-ओ-अतराफ़ के मुस्लमान पंच व़क़्ता नमाज़ पढ़ने आते हैं इस मस्जिद से मुल्हिक़ अक्सरीयती फ़िर्क़ा का होटल-ओ-दुकानें हैं ये लोग अर्सा से मस्जिद में नमाज़ियों को आने से रोकने के लिए नित नई शरारतें करते रहे हैं ।

अभी गुज़श्ता दिनों इस मस्जिद के मुआमला पर लखनऊ में बड़ा फ़िर्कावाराना फ़साद होते होते रह गया जहां तक इस मस्जिद का ताल्लुक़ इस का इंदिराज सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के रजिस्टर 30 में इंदिराज है गुज़श्ता दिनों जब मस्जिद की तज़ईन कारी की फैशिंग का काम हो रहा था तब मुक़ामी अक्सरीयती तबक़ा के बाअज़ अफ़राद ने होटल के मालिक से मिल कर बड़ा हंगामा किया ।

नौबत मार पीट , फ़साद की ऐसी पैदा होगई थी दोनों फ़िर्क़ा के लोग आमने सामने आगए थे तब लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना ख़ालिद रशीद फ़रंगी महल की क़ियादत में शहर के सरकरदा मुस्लमानों के एक वफ़द मौक़ा पर जाकर फ़रीक़ैन को समझा बुझाकर मुआमला को रफ़ा दफ़ा करा दिया अगरचे इस कोशिश से पहले ही दोनों फ़िरक़ों में पथराव , आगज़नी भी हुई और पुलिस के लाठी डंडों से मुतअद्दिद मुस्लमान ज़ख़मी हुए थे इस मस्जिद की तामीर-ओ-तौसीअ की बाबत एक मुक़द्दमा लखनऊ की दोनों अदालत में चल रहा है ।

अब इस मुआमला ने एक नया रुख़ उस वक़्त इख़तियार कर लिया जब शहर के एक तंज़ीम आस्था जल कल्याण जन समीती ने इलहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ बंच के सामने एक दरख़ास्त गुज़ारी जिस में कमेटी के वकील इदरिश कुमार ने कहा है कि मस्जिद ए आयशा की तामीर निज़ाम उद्दीन ख़ां नामी एक शख़्स ने नत्था होटल के चौराहे पर एक अवामी अराज़ी पर तामीर कराई है ।

दरख़ास्त गुज़ार ने कहा कि ये मस्जिद है ही नहीं बल्कि ये छः मंज़िला तिजारती कामपलेक्स की हैसियत रखती है । फ़ाज़िल अदालत ने इस मुआमला की समाअत के लिए अगले हफ़्ता पेश करने की हिदायत दी है । दरख़ास्त गुज़ार ने अपनी मफ़ाद-ए-आम्मा की रट में ये भी कहा है कि राना प्रताप मार्ग लखनऊ पर डीवीजनल कमिशनर के दफ़्तर के सामने बाअज़ लोगों ने अवामी अराज़ी पर हनूमान मंदिर तामीर कर लिया है ।

दरख़ास्त गुज़ार ने ऐसी तमाम इमारतों को मुनहदिम करने का मुतालिबा किया है जो अवामी मुक़ामात पर तामीर कराई गई है । याद रहे कि जहां तक मस्जिद ए आयशा की तामीर का सवाल है वो ग़लत किसी दूसरी ज़मीन पर तामीर नहीं कर सकती क्योंकि ख़ाना ख़ुदा की तामीर वहीं हो सकती है जो अराज़ी मुआवज़ा दे कर ख़रीदी जा चुकी हो ।

बहरहाल मस्जिद ए आयशा की तामीर पर गुज़श्ता रोज़ ख़ासा हंगामा हुआ सूरत-ए-हाल कशीदा है ।