लता मंगेशकर के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने मुहम्मद रफ़ी के बेटे का ऐलान

अख़बार को इंटरव्यू देते हुए लता मंगेशकर के इस दावे के एक दिन बाद कि मुमताज़ गुलूकार मुहम्मद रफ़ी मरहूम ने इन से तहरीरी तौर पर माज़रत ख़्वाही(खेद) की थी, मुहम्मद रफ़ी के बेटे शाहिद रफ़ी ने लता मंगेशकर के इस दावे को मुस्तर्द( खारिज) करते हुए कहा कि ये शौहरत हासिल करने का हक़ीर हर्बा है।

उन्हों ने लता मंगेशकर के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करने का भी ऐलान किया। यहां एक प्रेस कान्फ़्रैंस को मुख़ातब(संबोधित) करते हुए शाहिद रफ़ी ने कहा कि मेरे वालिद(पिता) क़ौमी असासा(राष्ट्रीय सम्पत्ति) थे। लता मंगेशकर के इस बयान से मुझे और उन के मद्दाहों( प्रशंसकों) को शदीद ठेस पहुंची है। मुहम्मद रफ़ी के मद्दाह( प्रशंसकों) किसी और फ़नकार के मुक़ाबिल इन्हीं सब से अफ़ज़ल मानते हैं।

अगर लता मंगेशकर ये साबित करें कि मेरे वालिद(पिता) ने इन से तहरीरी तौर पर माफ़ी मांगी है, तो वो ख़ुद भी इन से माफ़ी मांगने तय्यार हैं, लेकिन असल बात ये है कि लता मंगेशकर को अपने दावे की सच्चाई के साथ सबूत पेश करना चाहीए। शाहिद रफ़ी ने कहा कि वो क़ानूनी कार्रवाई से पहले वुकला से सलाह-ओ-मश्वरा करेंगे।

लता मंगेशकर ने कहा था कि 1962 के दौर में मुहम्मद रफ़ी ने एक गीत की रेकॉर्डिंग के वक़्त उन के साथ गाने से इनकार किया था तो उन्हों ने अहितजाजन बाईकॉट किया, लेकिन बादअज़ां मूसीक़ार जय किशन के मुसालहत कारी(सामंजस्य) के बाद मुहम्मद रफ़ी ने मुझ से तहरीरी तौर पर माफ़ी मांग ली थी।