हिंदुस्तानी क्रिकेट में अपनी अलाहिदा शनाख़्त बनाने वाले साबिक़ आई पी एल (इंडियन प्रीमीयर लीग) कमिशनर ललित मोदी पर बी सी सी आई ने आज ताहयात इमतिना आइद कर दिया।
तादीबी कमेटी ने उन्हें डिसिप्लिन शिकनी और ग़लत तर्ज़े अमल के आठ इल्ज़ामात में ख़ाती पाया है। कल दिन भर ड्रामाई सूरत-ए-हाल जारी रही और ललित मोदी और बी सी सी आई के माबैन क़ानूनी जंग छिड़ गई थी। इस के बावजूद बोर्ड के ख़ुसूसी आम इजलास ने आधे घंटे से भी कम वक़्त में मुत्तफ़िक़ा तौर पर ताहयात इमतिना का फ़ैसला किया।
बोर्ड ने एक बयान में कहा कि बी सी सी आई के आज मुनाक़िदा आम इजलास में तादीबी कमेटी की रिपोर्ट और ललित मोदी को जारी करदा नोटिस वजह नुमाई का जायज़ा लिया गया। 49 साला ललित मोदी को इंतिहाई संगीन नौईयत के ग़लत तर्ज़े अमल और डिसिप्लिन शिकनी का मुर्तक़िब पाया गया चुनांचे मुक़र्ररा क़ायदा के मुताबिक़ ललित मोदी को बी सी सी आई से बरतरफ़ किया जा रहा है।
वो बहैसीयत ऐडमिनिस्ट्रेटर तमाम हुक़ूक़ और मुराआत से महरूम करदिए जाऐंगे। वो मुस्तक़बिल में कोई ओहदा हासिल करने या इस पर फ़ाइज़ रहने का इख़तियार नहीं रखते और ना ही उन्हें किसी कमेटी या बोर्ड के किसी भी रुक्न या एसोसिएट रुक्न की हैसियत से शामिल किया जाएगा।
ललित मोदी को आई पी एल मुतआरिफ़ कराते हुए कामयाब अंदाज़ में इस के इंतिज़ाम-ओ-इंसिराम का एज़ाज़ हासिल है। उन्होंने इमतिना से बचने के लिए लम्हा-ए-आख़िर तक कोशिश की और एक मकतूब रवाना करते हुए बी सी सी आई अरकान से दरख़ास्त की कि ये मुआमला चूँकि अदालत में ज़ेर दौरान है, इस लिए वो किसी भी फ़ैसले से अहितराज़ करें। इजलास में किसी एक रुक्न ने भी मोदी की ताईद नहीं की और मुत्तफ़िक़ा तौर पर ताहयात इमतिना का फ़ैसला किया गया।
बी सी सी आई की तादीबी कमेटी अरूण जेटली और ज्योतिरादित्य सिंध्या पर मुश्तमिल थी जिसने 134 सफ़हात पर मुश्तमिल रिपोर्ट जुलाई में पेश की। इस रिपोर्ट में ललित मोदी को आठ इल्ज़ामात बशमोल माली बे क़ाईदगियों, डिसिप्लिन शिकनी और बी सी सी आई मुफ़ादात को नुक़्सान पहूँचाने वाले इक़दामात का ख़ाती क़रार दिया गया। आज का ये इजलास दिल्ली हाइकोर्ट की जानिब से ज़ेली अदालत के हुक्म अलतवा को बर्ख़ास्त करने की वजह से मुनाक़िद होसका और ये बिलकुल मुख़्तसर तरीन इजलास था क्योंकि तमाम अरकान को तादीबी कमेटी की रिपोर्ट दी जा चुकी थी। इजलास शुरू होने से पहले ललित मोदी सुप्रीम कोर्ट से रुजू हुए। जस्टिस जी एस सिंघवी की ज़ेर-ए-क़ियादत बैंच के रूबरू हंगामी समाअत के लिए ये मुआमला रुजू किया गया लेकिन बैंच ने ये मुक़द्दमा 2 बजे मुताल्लिक़ा बैंच के रूबरू पेश करने की हिदायत दी।