नई दिल्ली
लश्कर-ए-तैयबा का आला सतही बम साज़ अब्दुलकरीम जो इन 20 दहशतगरदों में से एक है जिन्हें हिन्दुस्तान में पाकिस्तान से 26 नवंबर के मुंबई हमले के सिलसिले में तलब किया था। दिल्ली की एक अदालत में बरी कर दिया गया।
इस के ख़िलाफ़ 1994 में सख़्त गीर इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी-ओ-ख़ललअंदाज़ी सरगर्मीयां क़ानून (टाडा) के तहत मुक़द्दमा दर्ज किया गया था। ऐडीशनल सैशन जज मीना बंसल कृष्णा ने 73 साला तनडा को मुबय्यना जराइम से बरी कर दिया। ताहम तनडा हुनूज़ क़ैद में रहेगा क्योंकि इस के ख़िलाफ़ कई मुक़द्दमात ज़ेरे दौरान हैं।
दिल्ली पुलिस के ख़ुसूसी शोबे में इस मुक़द्दमे में दीगर 5 मुल्ज़िमीन के साथ उन्हें 17 जनवरी 1994 को गिरफ़्तारी किया गया था , फ़र्द-ए-जुर्म आइद किया था। उन के क़बज़े से 150 किलोग्राम धमाको माद्दे और 6 ख़ंजर ज़ब्त किए गए थे। मुक़द्दमे की समाअत करनेवाली अदालत ने दिसम्बर 19999 के अपने फ़ैसले में अपनी पांचों मुल्ज़िम को मुजरिम क़रार दिया था। पुलिसने तुंडवा के ख़िलाफ़ ज़िमनी फ़र्द-ए-जुर्म दाख़िल किया था और उसे मफ़रूर मुल्ज़िम क़रार देने की दरख़ास्त की थी क्योंकि वो हिन्दुस्तान में दहशतगर्दी के दीगर मुक़द्दमात में भी मतलूब था।