वॉशिंगटन: अमेरिका के एक सीनीयर खोजी सहाफी के मुताबिक अमेरिका के दावे के उलट इस्लामी रीतियों रिवाजो के साथ आखिरी रसुमात के बाद ओसामा की लाश समन्दर में नहीं फेंकी गया बल्कि ऐसा इम्कान है कि रायफल की गोली से अलकायदा चीफ की लाश के टुकड़े किए गए और उनमें से कुछ हिन्दु कुश पर्वत के ऊपर फेंके गए.
पुलित्जर इनाम याफ्ता सेमर हर्श ने दावा किया कि अमेरिकी हुकूमत की ओसामा को इस्लामी तरीके से दफनाए जाने की बात गलत है और अमेरिकी Aircraft Carrier यूएसएस कार्ल विन्सन पर उसकी लाश ले जाकर समन्दर में नहीं फेंकी गयी.
उन्होंने लंदन रिव्यू ऑ बुक्स में शाय अपने मज़मून (आर्टिकल) में कहा कि, ओबामा की तरफ से सील के हाथों ओसामा के मारे जाने के ऐलान के बाद हर कोई उसकी लाश सामने रखने की उम्मीद कर रहा था. इसकी बजाए नामानिगारो से कहा गया कि बिन लादेन की लाश सील्स अफगानिस्तान के जलालाबाद में अमेरिकी फौज के एक हवाई इलाके में ले जाया गया और फिर उसे शुमाली अरब सागर में गश्ती करने वाले Aircraft Carrier यूएसएस कार्ल विन्सन पर रखा गया. अमेरिकी हुकूमत ने ओसामा की मौत के कुछ घंटे बाद उसे समन्दर में फेंके जाने की बात कही थी.
हर्श ने कहा कि वाकिया के कुछ ही हफ्तों के बाद खुसूसी मुहिम कमान से लंबे दिनो से जुड़े दो सलाहकारों ने उन्हें बताया कि कार्ल विन्सन पर आखिरी रसूमात नहीं हुई थी.
फिल्हाल की खुफिया मालूमात दोनों की पहुंच के अंदर हैं. हर्श ने कहा, एक सलाहकार ने मुझसे कहा कि अफगानिस्तान ले जाने से पहले बिन लादेन की लाश की तस्वीर खींची गयी और उसकी शिनाख्त की गयी. सलाहकार ने कहा, उस वक्त सीआईए ने लाश को काबू में ले लिया. कवर स्टोरी थी कि लाश वापस कार्ल विन्सन पर ले जाया गया.
दूसरा सलाहकार इस बात पर सहमत था कि समन्दर में कोई आखिरी रसुमात नहीं’ हुई. दूसरे सलाहकार ने कहा कि बिन लादेन का क़त्ल एक सियासी ड्रामा था जिसका मकसद ओबामा की फौजी यकीनदहानी को बढ़ाना था. हर्श ने अपने मज़मून के ज़्यादातर दावे एक फौजी रिटायर्ड सिनीयर अमेरिकी खुफिया आफीसर के हवाले से किए हैं जिन्हें पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा के होने की खुफिया मालूमात के बारे में पता था.
हर्श ने कहा, रिटायर्ड आफीसर ने कहा कि एक और उलझन थी: सील टीम के कुछ मेम्बर्स ने अपने साथियों और दिगर के सामने शेखी बघारते हुए कहा था कि उन्होंने रायफल की गोली से ओसामा के जिस्म के टुकड़े किए थे. उसके बकिया में कुछ गोलियों से सूराख बन गए थे, उन्हें और उसके सिर को एक थली में फेंका गया और जलालाबाद ले जाते वक्त हेलीकॉप्टर से लाश के कुछ हिस्सों को हिन्दू कुश पर्वत के उपर फेंका गया. अमेरिका ने हर्श के दावों को ‘गलत’ और ‘बेबुनियाद’ बताते हुए खारिज कर दिया है.