लालू प्रसाद यादब‌ बोलने के आदी नितीश का जवाबी वार

पटना 17 अप्रैल : बी जे पी की जानिब से 2002-ए-में गुजरात में हुए मुस्लिम फ़सादाद पर नतीश कुमार की ख़ामोशी पर अपना दिफ़ा करते हुए वज़ीर-ए-आला बिहार ने नरेंद्र मोदी को तन्क़ीद का निशाना बनाया और कहा कि किसी भी रियासत में ला ऐंड आर्डर रियास्ती हुकूमत की ज़िम्मेदारी होती है।

याद रहे कि सिर्फ़ एक रोज़ पहले लालू प्रसाद ने नितीश कुमार पर तन्क़ीद की थी कि अगर उन्हें नरेंद्र मोदी से वाक़य‌तन इख़तिलाफ़ात थे, तो उन्होंने (नितीश कुमार) बहैसियत रेलवे वज़ीर इस्तीफ़ा क्यों नहीं पेश किया। उस वक़्त मर्कज़ में अटल बिहारी वाजपई की हुकूमत थी।

नतीश कुमार ने कहा कि एक अर्सा क़बल जब लालू प्रसाद ने इस मुआमले को पार्लियामेंट में उठाया था को उस की छोटी से छोटी तफ़सीलात भी उन्हें फ़राहम की गई थी। लालू प्रसाद को दरअसल ज़्यादा बोलने की आदत है। अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए नितीश कुमार ने कहा कि वज़ीर रेलवे की हैसियत से जिस वक़्त लालू प्रसाद ने जब यही बात कही थी तो उन्हें मसाइल का सामना करना पड़ा था।

पता नहीं उन्हें ये बात याद है या नहीं। यहां इस बात का तज़किरा भी बेजा ना होगा कि बी जे पी ने जद‌ यू के साथ अपने इख़तिलाफ़ात को ये कह कर वाज़ह कर दिया था कि नितीश कुमार की कोई हैसियत नहीं है और गुजरात के नरेंद्र मोदी को सेकूलर अज़म का अलमबरदार होने केलिए नितीश कुमार के सर्टीफ़िकेट की ज़रूरत नहीं।

बहरहाल लालू प्रसाद जिस वक़्त वज़ीर रेलवे थे तो उनकी ज़िम्मेदारी मुसाफ़िरों की हिफ़ाज़त और महफ़ूज़ सफ़र को यक़ीनी बनाने की थी। उनका काम ये नहीं था कि वो रियासत के ला ऐंड आर्डर की जानिब अपनी तवज्जो मर्कूज़ करें। ये काम रियास्ती हुकूमत का होता है।