मुत्तहिदा मिल्ली मजलिस के ज़ेरे एहतेमाम सियासी बेदारी मुहिम के तहत होटल सम्राट में आज एक सेमिनार का इंकाद किया गया। इस सेमिनार में बड़ी तादाद में उर्दू हिन्दी, अंग्रेज़ी प्रिंट और एलेक्ट्रोनिक मीडिया के अहलकार शामिल हुये। सेमिनार में सादराती खुतबा मुफ़्ती इजाज अर्शद कासमी ने पेश किया जिसमें उन्होने सियासी बाइदारी मुहिम के एगराज व मकासिद पर सैर हासिल गुफ़्तुगु की। सिमनार में दाओकतार मढ़त हुसैन, खालिद साफिर कासमी। इंफीनियरी शकील फारुकी ने भी सियासी बेदारी मुहिम के तहत मुसलमानों के वोट पर रियासत बिहार में लालू प्रसाद यादव के दौर ए इक्तिदार में मुसलमानों को महज़ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किए जाने की तफ़सीली वजहत पेश की। मुफ़्ती इजाज कासमी ने इसतफ़सार से बताया की बिहार में एमवाई फॉर्मूला बनाकर लालू प्रसाद ने जायद अज़ 15 सालों तक बिहार के इक्तिदार पर अपना तसल्लत कायम रखा।
उन्होने फिरका परस्तों से खौफ दिला कर उनके एतमाद का गलता इस्तेमाल किया। इस वक़्त भी बिहार के मुसलमान बेवकूफ नहीं थे और अब मौजूदा डबल्यूक्यूटी में तो बहर हाल वो पूरी सियासी तौर में कॉमयूनल महुयल नहीं था लेकिन इक्तिदार से दस्तबरदारी के बाद लालू प्रसाद के दरमियान दीवार जरूर कायम कर दी। मुफ़्ती एजाज अर्शद ने इस की वजाहत पेश की के हालिया दिनों में कानून साज कोनसिल में आरजेडी को हिस्से में आई सीटों की तक़सीम हुयी तो उन्होने अपनी ज़ात के साथ उम्मीदवार को कानून साजिया की सीट दे दी मगर मुस्लिम तंज़िमों मसलन जमीयतुल ओलमा ए हिन्द ख़ानक़ाह रहमानी मुंगेर, मिली कोनसिल, इमारते शरिया, अदारा शरिया वगैरह ने एक भी सीट किसी मुसलमान को नहीं दिया। जबकि आरजेडी के साथ आई दूसरी जमातों ने एमएलसी उम्मीदवारों में मुसलमानों को ख़ासी तर्जीह दी। मुफ़्ती साहब ने खदशा का भी इज़हार किया और कहा की लालू प्रसाद ने मुसलमानों को इस तरह किनारा कर दिया है की इस से अंदाज़ा होता है की वो जेडीयू को नुकसान पहुंचाने के लिए एनडीए से कोई खुफिया मूआहिदा कर लिया हैं।