भाकपा माले ने बुध को खबरदार रैली में कांग्रेस, भाजपा और जदयू पर जम कर निशाना लगाया और भाकपा और माकपा को जदयू से तालमेल नहीं करने की सलाह दी। जबकि राजद और लोजपा के फी थोड़ी नरमी दिखायी गयी। भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और रियासत के वज़ीरे आला नीतीश कुमार सबसे ज़्यादा निशाने पर रहे। सेक्यूरिटी वजूहात से गांधी मैदान की जगह वीरचंद पटेल सड़क पर हुई खबरदार रैली में भाकपा माले ने अपनी ताकत दिखायी। पार्टी जेनरल सेक्रेटरी दीपंकर भट्टाचार्य ने पार्टी कर्कुनान को आइंदा लोकसभा इंतिखाबात के लिए तैयार रहने के लिए कहा।
उन्होंने नीतीश कुमार को अक़लियत नौजवानों पर श्वेलतपत्र जारी करने के लिए कहा। दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा, लाल झंडे की ताकत से ही बिहार और मुल्क बच पायेगा। भाकपा और माकपा जदयू के साथ जाकर कुछ सीटें जीत सकती हैं, लेकिन जनाधार नहीं बढ़ सकता। लेफ्ट इत्तिहाद जरूरी है। 2014 का लोकसभा इंतिख़ाब चेहरा नहीं, मुद्दों पर होगा। फिरका परस्त उन्माद फैलानेवाले नरेंद्र मोदी की सही जगह जेल है। रियासत में ज़मीन बेहतरी और तालीम का हक़ कानून लागू नहीं हुए।
बाथे वगैरह नरसंहार मुतासीरों को इंसाफ के लिए एक करोड़ लोगों के दस्तखत के साथ 18 दिसंबर को दिल्ली में सभा होगी। फिरका परस्ती के खिलाफ लड़ाई से भाकपा माले, राजद और लोजपा को अलग नहीं रखा जा सकता है। दिल्ली में मुनक्कीद फिरका परस्ती मुखालिफ कन्वेंशन भाकपा, माकपा, जदयू और सपा समेत कुछ खास पार्टियों और क़ायेदीनों की सियासत है। चारा घोटाले को राजद लीडर लालू प्रसाद से जोड़ कर देखा जाता है, जबकि दीगर क़ायेदीनों की बहस कम होती है। कोयला घोटाले में वज़ीरे आजम के खिलाफ तहक़ीक़ात हो। इस्तकबाल रियासत सेक्रेटरी कुणाल, सदारत केडी यादव और ऑपरेशन अनवर हुसैन ने किया।