लैब से तैयार किये गए मीट से लिंचिंग की समस्या खत्म हो जायेगी- मेनका गाँधी

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि भारत अब स्वच्छ मीट तैयार कर सकता है और यह सही वक्त है। वह ‘फ्यूचर ऑफ प्रोटीन-फूड टेक रेवॉल्यूशन’ विषय पर आयोजित एक समिट में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि लैब में जानवरों के स्टेम सेल की मदद से सफलतापूर्वक क्लीन मीटतैयार किया जा सकता है और यह सूचना तकनीक और इलेक्ट्रिसिटी के बाद अगली बड़ी उपलब्धि है। ‘

वहीँ उन्होंने कहा की लैब से तैयार किये गये मीट से लिंचिंग की समस्या भी खत्म हो सकती है ।

मंत्री ने कहा कि मवेशी हिंदुओं और मुस्लिमों को “विभाजित” कर रहे थे। “लोग मांस नहीं खा रहे हैं।

शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में फूड तकनीक पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि एक प्राइवेट सर्वे में पता चला है कि 66 प्रतिशत उपभोक्ता लैब में तैयार किए गए मीट को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। गांधी ने कहा कि बड़ी आईटी कंपनियां स्टेम सेल से लैब में मीट तैयार करने की तकनीक में इनवेस्ट कर रही हैं और क्लीन मीट उद्योग के रूप में सामने आ सकता है।

उन्होंने कहा, ‘सर्वे में पता चला है कि 46 प्रतिशत लोग रोजाना क्लीन मीट खरीदने को तैयार हैं, वहीं 53 प्रतिशत पुराने मीट की जगह इसे खाना चाहते हैं।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हम सामान्य मीट को क्लीन मीट से रिप्लेस करने को तैयार हैं।’ मेनका ने सीसीएमबी से इस तकनीक को अगले पांच साल में मार्केट तक पहुंचाने को कहा है। समिट में कई अन्य एक्सपर्ट्स ने भी ऐसी तकनीक पर चर्चा की और विचार रखे।