एक बिल जो वक़्फ़ इमलाक पर हर जगह क़ब्ज़ों को रोकने और उन्हें तिजारती तौर पर कारकर्द बनाने की गुंजाइश फ़राहम करता है, आज उसे सदारती मंज़ूरी हासिल हो गई। एक सरकारी बयान में कहा गया कि सदर जम्हूरीया ने वक़्फ़ (तरमीमी) बिल 2013को अपनी मंज़ूरी दे दी है, जिसका मक़सद वक़्फ़ इदारों के काम काज में सुधार लाना और उन्हें ताक़तवर बनाना है। सदारती मंज़ूरी के साथ ये बिल एक क़ानून के तौर पर नाफ़िज़ हो गया है। इस क़ानून का मक़सद वक़्फ़ जायदादों पर जगह जगह क़ब्ज़ों के इंसेदाद और उन्हें 3 ता 30 साल की लीज़ मुद्दत पर देते हुए तिजारती तौर पर फ़ायदेमंद बनाना है। ये क़ानून वक़्फ़ इमलाक पर क़बज़ा को काबिल गिरफ्त और नाक़ाबिल ज़मानत जुर्म भी बनाता है और दो साल कैद बामुशक़क़्त की अज़्म तरीन सज़ा की गुंजाइश फ़राहम करता है। ये वक़्फ़ ट्रब्यूनल्स को हमा रुकनी भी बनाएगा और उन्हें इख़राज और अपील के इज़ाफ़ी इख़्तेयारात देगा।