वक़्फ़ जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए कमरबस्ता होने का मश्वरा : नईम अल्लाह शरीफ़

हैदराबाद । ०७ जून : हज़रत हुसैन शाह वली ऒ दरगाह से मुत्तसिल मनी कोंडा वक़्फ़ अराज़ी को ए पी हाईकोर्ट ने वक़्फ़ मिल्कियत क़रार दे कर तारीख़ी फ़ैसला सादर किया था तब मुस्लमानों में एक ख़ुशी की लहर दौड़ गई । और ये ख़ुशफ़हमी पैदा हो चली थी कि वक़्फ़ जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ की इबतदा-ए‍हो चुकी है ।

लेकिन रियास्ती कांग्रेस हुकूमत ने मुस्लमानों की ख़ुशीयों पर पानी फेरते हुए हुकूमती अटार्नी जनरल और सीनईर ऐडवोकेटस को मुक़र्रर किया और आनधराई सरमायादार यम पी लगड़ा पार्टी लैंको हिलज़ की हिमायत करते हुए वक़्फ़ बोर्ड और वक़्फ़ जायदादों के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट से हुक्म अलतवा जारी करवाया और फ़ैसला में ये भी शोशा छोड़ा गया कि वक़्फ़ मिल्कियत साबित होने पर मुतबादिल अराज़ी या क़ीमत अदा करदी जाएगी ।

महिकमा औक़ाफ़ की जानिब से क़ीमती वक़्फ़ जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए इक़दामात ग़ैर संजीदा लगते हैं । आज ज़रूरत इस बात की है कि वक़्फ़ जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए मुस्लमान कमरबस्ता होजाएं और जमहूरी अंदाज़ में एहतिजाज के लिए आगे आएं और हुकूमत को मजबूर करें कि वो वक़्फ़ जायदादों की तबाही-ओ-बर्बादी के बजाय तहफ़्फ़ुज़ करते हुए अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करे ।।