वक़्फ़ बोर्ड की तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में तक़सीम पर ऐडवोकेट जनरल से राय तलबी

क़ानूनी पहलो पर बात चीत , बोर्ड की तक़सीम और स्पेशल ऑफिसर के तक़र्रुर में मज़ीद ताख़ीर का इमकान

वक़्फ़ बोर्ड की दोनों रियासतों में तक़सीम के मसले पर हुकूमत ने ऐडवोकेट जनरल के राम कृष्णा रेड्डी की राय हासिल की है। इस सिलसिले में सेक्रेटरी अक़िलियती बहबूद अहमद नदीम और दीगर ओहदेदारों ने ऐडवोकेट जनरल से मुलाक़ात की और वक़्फ़ बोर्ड की तक़सीम के क़ानूनी पहलोओ पर बात चीत की।

वाज़िह रहे कि तेलंगाना हुकूमत की जानिब से 20 जून को तेलंगाना वक़्फ़ बोर्ड के स्पेशल ऑफीसर की हैसियत से जलालुद्दीन अकबर आई एफ एस के तक़र्रुर के बाद क़ानूनी तनाज़ा पैदा होगया था। बताया जाता है कि वक़्फ़ बोर्ड की तक़सीम से क़ब्ल कोई भी हुकूमत अपनी रियासत के लिए स्पेशल ऑफीसर का तक़र्रुर नहीं करसकती।

ये भी कहा गया कि वक़्फ़ बोर्ड की तक़सीम की मंज़ूरी मर्कज़ी हुकूमत से हासिल करनी ज़रूरी है क्योंकी ये सैंटर्ल वक़्फ़ एक्ट के तहत है। जी ओ के क़ानूनी तनाज़ा का शिकार होने के बाद हुकूमत ने इस मसले पर ऐडवोकेट जनरल की राय तल्ब की। बताया जाता है कि ऐडवोकेट जनरल की राय भी हुकूमत बोर्ड को तक़सीम करसकती है।

उसकी इत्तेला मर्कज़ी हुकूमत को देदी जाये। तमाम पहलोओ का जायज़ा लेने के बाद ऐडवोकेट जनरल ने तहरीरी तौर पर राय देने का तैक़ून दिया। इस तरह वक़्फ़ बोर्ड की तक़सीम और स्पेशल ऑफीसर के तक़र्रुर में मज़ीद ताख़ीर का इमकान है। 18 जून को स्पेशल ऑफीसर की हैसियत से शेख मुहम्मद इक़बाल आई पी उस की मीआद ख़त्म होगई थी जिस के बाद से वक़्फ़ बोर्ड स्पेशल ऑफिसर के बगैर काम कर रहा है।

वक़्फ़ बोर्ड की कारकर्दगी में स्पेशल ऑफीसर का ओहदा कलीदी है जिस के बगैर बोर्ड की कारकर्दगी अमलन सिफ़र है। बोर्ड के ओहदेदारों का कहना है कि स्पेशल ऑफीसर की अदमे मौजूदगी के बाइस सारे काम ठप पड़ चुके हैं। चीफ एग्ज़िक्युटिव ऑफीसर को अहम फैसलों का इख़तेयार नहीं जिस के बाइस अवाम को भी अपने मसाइल की यकसूई में दुश्वारियों का सामना है।