वज़ीर-ए-आज़म की दौलत-ए-मुश्तरका कान्फ़्रेंस में शिरकत

श्रीलंका में दौलत-ए-मुश्तरका के सर्बरहान-ए-ममलकत की चोटी कान्फ़्रेंस में हिंदुस्तान की शिरकत सियासी तनाज़ा बन गई है। कांग्रेस के आली क़ाइदीन ने आज इस मसला के तमाम पहलूओं पर ग़ौर किया ताहम कोई फ़ैसला वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के सपुर्द कर दिया गया जो 15 नवंबर को इस कान्फ़्रेंस में शामिल होने वाले हैं।

कांग्रेस के कोर ग्रुप का इजलास सदर पार्टी सोनिया गांधी की ज़ेर-ए-सदारत हुआ , वज़ीर-ए-आज़म भी इजलास में शरीक थे। शिरकत के मसला पर एक घंटे से ज़्यादा ग़ौर-ओ-ख़ौज़ किया गया। उम्मीद‌ है कि वज़ीर-ए-आज़म के साथ जल्द ही मज़ीद सलाह‌ की जाएगी। पार्टी ज़राए के मुताबिक‌ हिंदुस्तान की चोटी कान्फ़्रेंस में शामिल होने पर ज़बर्दस्त सियासी तनाज़ा पैदा होगया है।

तामिलनाडो की मुख़्तलिफ़ सियासी पार्टियां और ग्रुपस उस की सख़्ती से मुख़ालिफ़त कररहे हैं। तामिलनाडो एसेंबली में हाल ही में एक क़रारदाद मंज़ूर की गई थी जिस में चोटी कान्फ़्रेंस के मुकम्मल मर्कज़ी हुकूमत से मांग‌ किया गया था क्योंकि मुबयना तौर पर हुकूमत श्रीलंका तामिल नज़ाद शहरियों पर ज़ुल्म कररही है।

हुकूमत इस मसला पर तज़बजुब की हालत में है। ये एहसास भी है कि चोटी कान्फ़्रेंस में वज़ीर-ए-आज़म की ग़ैरमौजूदगी से बैनुल-अक़वामी सतह पर हिंदुस्तान की शबिह‌ मुतास्सिर होगी। गुजिश्ता माह मर्कज़ी वुज़रा पी चित‌म़्बरम और ए के अनटोनी के साथ कोर ग्रुप का एक इजलास किया गया था जिन्होंने समझाया है कि वज़ीर-ए-आज़म को चोटी कान्फ़्रेंस में शिरकत ना करने का मश्वरा दिया था।

तामिल हामी तंज़ीमों ने 12 नवंबर को तामिलनाडो और पडोचीरी बंद का ऐलान किया है ताकि मर्कज़ पर चोटी कान्फ़्रेंस में शिरकत ना करने के सिलसिला में दबाव डाला जा सके ताहाल कांग्रेस ने सिर्फ़ इतना कहा है कि वो इस शिरकत के सिलसिला में वज़ीर-ए-आज़म के किसी भी फ़ैसला की ताईद करेगी। मर्कज़ी वज़रा वे नारायण स्वामी ,जयंती नटराजन और जी के वासन ने खुल कर चोटी कान्फ़्रेंस में वज़ीर-ए-आज़म की शिरकत की मुख़ालिफ़त की है।

हुकूमत की साबिक़ हलीफ़ डी एम के के सरबराह करूणानिधि ने वज़ीर-ए-आज़म पर ज़ोर दिया कि वो चोटी कान्फ़्रेंस में शिरकत ना करें।