आईसीसी वर्ल्ड कप-2015 में पाकिस्तान अब तक खेले दोनों मैच हारने के बावजूद भले अभी नॉकआउट की रेस से बाहर नहीं हुआ है, लेकिन ज़हनी बढ़त की ल़डाई में जरूर उसका ग्राफ काफी गिर चुका है। ऐसे में मिस्बाह-उल-हक की टीम आज इतवार को जब गाबा मैदान पर जिम्बाब्वे का सामना करने उतरेगी तो उसका मकसद जीत के साथ हौसला वापस हासिल करना भी रहेगा। जिम्बाब्वे की टीम अब तक तीन मैचों में भले एक ही जीत हासिल कर सकी है, लेकिन तीनों बार ब़डे स्कोर का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों ने जैसा जुझारूपन दिखाया है, वह पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है।
हिंदुस्तान के हाथों पहला मैच गंवाने के बाद पाकिस्तान को वर्ल्ड कप के अपने दूसरे मैच में वेस्टइंडीज के हाथों 150 रनों से करारी हार झेलनी प़डी, नतीजतन पूल-बी में वह आयरलैंड, जिम्बाब्वे और यूएई जैसी बी ग्रेड टीमों से भी नीचे सबसे निचले पायदान पर है।
कुल मिलाकर इस मैच में जहां जिम्बाब्वे ऊंचे हौसले से मैदान में उतरेगा, वहीं पाकिस्तान टीम पर अपने खेल मद्दाहो का यकीन वापस पाने का दबाव होगा। जिम्बाब्वे की गेंदबाजी की बात करें तो उनका मुज़ाहिरा अब तक के मैचों में शुरूआत में तो अच्छा रहा है, लेकिन आखिरी ओवरों में उन्होंने काफी रन लुटाए हैं। पहले मैच में द. अफ्रीका ने जहां जिम्बाब्वे के सामने 340 रनों का टार्गेट रखा, वहीं पिछले मैच में वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 372 रन बना डाले।
यूएई जैसी टीम भी जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 285 रनों का ब़डा स्कोर ख़डा करने में कामयाब रही। ऐसे में पाकिस्तान को छठे और सातवें आर्डर पर उतरने वाले उमर अकमल और शाहिद अफरीदी से काफी उम्मीदें रहेंगी। जिम्बाब्वे के लिए हालांकि अच्छी बात यह है कि ब़डे स्कोर का पीछा करते हुए हर बार वह अच्छी रन रेट कायम रखने और टार्गेट के काफी नजदीक तक पहुंचने में कामयाब रहा है, और पहले मैच में जुनूबी अफ्रीका के कप्तान अब्राहम डिविलियर्स को यहां तक कहना प़डा कि एक वक्त जिम्बाब्वे ने उन्हें डरा दिया था।
पाकिस्तान के गेंदबाज भी अब तक के दोनों मैच में 300 से ज़्यादा रन लुटाए हैं और बल्लेबाज उम्मीद के मुताबिक अच्छा मुज़ाहिरा करने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में उनका टार्गेट धीमी और सधी शुरूआत कर आखिरी के ओवरों में तेज रफ्तार से रन जुटाने पर रहेगा।