वस्तानिया इम्तिहान फ़ोकानिया की तर्ज़ पर नहीं लिया जाना चाहिए : कुतूबुद्दीन रिजवी

अदारा शरिया झारखंड के नजीमे आला और इस्लामी तालीमी बोर्ड ऑफ इंडिया बिहार व झारखंड के इंचार्ज मौलाना कुतूबुद्दीन रिजवी ने कहा है की इस वक़्त पूरी रियासत में झारखंड एकेडमिक कोनसिल के जेरे इंतेजाम वास्तानिया फ़ाज़िल के इम्तेहानात मुखतलिफ़ सेंटर में पुर अमन हो रहे हैं जिसमें ज़्यादातर मुस्लिम गरीब व मूआशी एतबार से कमजोर गार्जियन के बच्चे व बच्चियाँ शामिल हैं।

इम्तिहान में सब से ज़्यादा वस्तानिया के उम्मीदवार हैं। गुजिशता जुमा के रोज़ वस्तानिया इम्तिहान देहिंदा और उनके गार्जियन ने अदारा शरिया में तशरीफ लाकर चंद अहम नुकात की तरफ तवज्जो दिलाया था। मौलाना रिजवी ने कहा की झारखंड एकेडमिक कोनसिल के ज़ाब्ते के मुताबिक वास्तानिया 8वां क्लास के मसावी है और हर सरकारी व नीम सरकारी स्कूलों में 8वां क्लास के इंतिहानात मैट्रिक की तर्ज़ पर ना लेकर इसी स्कूल में इम्तिहान मुनक्कीद होता है जहां तालिबे इल्म पढ़ रहा होता है मगर वास्तानिया का इम्तिहान बिलकुल इस से अलग है।

फिलहाल वास्तानिया मैट्रिक और फ़ोकानिया इम्तिहान की तर्ज़ पर लिया जाता है। वस्तानिया उम्मीदवारों को 50-70 किलो मीटर दूर तक जाकर इम्तिहान देना पड़ रहा है। यही नहीं बल्कि आमद-रफत क़याम व तआम से लेकर रजिस्ट्रेशन फोरम भरने और फीश जमा करने तक वस्तानिया उम्मीदवारों को कई हजारों पे खर्च हो जाते हैं जिससे वस्तानिया उम्मीदवारों को काफी इजाफा खर्च व परेशानी झेलना पड़ता है। साथ ही इम्तिहान दे रही तल्बात के इलावा उनके गार्जियन भी उनके तहफ्फुज को लेकर परेशान हो जाते हैं।

बल्कि यूं कहा जाये की मदरसा इम्तिहान के इलावा पूरे मुल्क में 8वां क्लास के इंतिहानात मुनक्कीद कराता है, इसी तर्ज़ पर वस्तानिया के इंतिहानात से भी आइंदा से मुनक्कीद कराया करे। यही इंसाफ का तक़ाज़ा है।