मैसेजिंग एप व्हाट्सएप की पेमेंट सर्विस पर रोक लागने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप और केंद्र सरकार (कानून, आईटी और वित्त मंत्रालय) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस इंदू मलहोत्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को ‘सेंटर फॉर अकांउटेलिबिटी एंड सिस्टेमैटिक चेंज’ संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया।
Supreme Court today issued a notice to #WhatsApp, IT and Finance ministry and sought a detailed reply from them within four weeks as to why a grievance officer in India has not been appointed yet by Whatsapp pic.twitter.com/iqxaiIi5AP
— ANI (@ANI) August 27, 2018
दरअसल याचिका में केंद्र सरकार को यह निर्देश देने को कहा गया है कि जब तक व्हाट्सएप रिजर्व बैंक के सभी नियमों का पूर्ण रूप से पालन न कर ले, तब तक उसकी पेमेंट सर्विस रोक दी जाए। बता दें कि यह याचिका ‘सेंटर फॉर अकांउटेलिबिटी एंड सिस्टेमैटिक चेंज’ संगठन ने दायर की है।
संगठन का कहना है कि यह मैसेंजर कंपनी भारत में कई कानूनी प्रावधानों को पूरी नहीं करती है। संगठन द्वारा याचिका में कहा गया है कि बैंक खाता खोलने के लिए ग्राहक को KYC नियमों के साथ रिजर्व बैंक की कई प्रावधानों को पूरा करना पड़ता है। लेकिन व्हाट्सएप एक विदेशी कंपनी है. इसका भारत में न ही कोई सर्वर है और ना ही कोई ऑफिस।
ऐसे में व्हाट्सएप को भारत में पेमेंट सर्विस शुरू करने के लिए यहां ऑफिस खोलना होगा। याचिका में ये भी कहा गया है कि व्हाट्सएप को एक शिकायत अधिकारी की भी भारत में नियुक्ति करनी होगी।
जिससे ग्राहक अपनी परेशानी उनसे बता सकें। व्हाट्सएप के भारत में 20 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं। साथ ही भारत में व्हाट्सऐप पेमेंट सर्विस का 10 लाख लोग परीक्षण कर रहे हैं।