न्यूयार्क 21 दिसमबर(आई एन पी) अमरीकी अख़बार न्यूयार्क टाईम्स ने दावा किया है कि सदर आसिफ़ अली ज़रदारी की पाकिस्तान आमद आरिज़ी है वो 27दिसंबर को अपनी मरहूम अहलिया बेनज़ीर भुट्टो की बरसी तक़रीबात में शिरकत के बाद तवील अर्से के लिए लंदन या दुबई में क़ियाम करेंगे।
मेमो गेट स्कैंडल ने फ़ौज के हाथ मज़बूत करदिए हुकूमत के मुफ़ाहमती दावों के बावजूद आइन्दा चंद हफ़्तों में फ़ौज और हुकूमत में कशीदगी में इज़ाफे़ का इमकान है कशीदा सूरत-ए-हाल ने सदर को वतन वापसी पर मजबूर किया। नाटो हमले के बाद अमरीका से कशीदा ताल्लुक़ात ने फ़ौजी जरनैलों को पाकिस्तानी मुआमलात में आज़ादाना रसाई में मदद फ़राहम की।
मौजूदा हालात में फ़ौज के लिए बग़ावत करना मुश्किल है ताहम जरनैल बद उनवान और नाअहल सिविल इंतिज़ामीया के काम पर फ़रस्ट्रेशन का शिकार हैं। पीर को अख़बार ने पाकिस्तानी और मग़रिबी हुक्काम-ओ-तजज़िया कारों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फ़ौज और हुकूमत के दरमयान कशीदा माहौल ने सदर आसिफ़ अली ज़रदारी को जल्द वतन वापिस आने पर मजबूर किया।
रिपोर्ट के मुताबिक़ फ़ौज के इसरार पर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट इस अहम मुक़द्दमे का आग़ाज़ कर रही है जिस का मक़सद अक्तूबर में सामने आने वाले मुतनाज़े मेमो में सदर ज़रदारी की हुकूमत के मुलव्वस होने या ना होने से मुताल्लिक़ तहक़ीक़ात करना है। अख़बार के मुताबिक़ इस मुक़द्दमे से पाकिस्तानी फ़ौज और हुकूमती रहनुमाऑ के दरमयान कशीदगी उरूज पर पहुंच गई है जिस से उसामा बिन लादन और महमंद एजैंसी पर नाटो हमले के बाद पाकिस्तान से ताल्लुक़ात बेहतर बनाने की अमरीकी कोशिशें मुश्किलात का शिकार होगई हैं।
वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गिलानी से आर्मी चीफ़ कीतवील मुलाक़ात के बावजूद चंद सरकारी ओहदेदारान का कहना है कि फ़ौज और हुकूमत के दरमयान कशीदगी में आइन्दा दिनों में इज़ाफ़ा होगा।