नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस ने आज सरकार से कहा कि “असली” नागरिकों को असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) से बाहर नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
शून्य घंटे के दौरान जारी किए गए मुद्दे पर सुष्मिता देव (कांग्रेस) ने कहा कि पहली मसौदा सूची बाहर आ गई है।
सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल 30 नवंबर को कहा था कि पिछले साल 31 दिसंबर की आधी रात की समाप्ति पर, 2.38 करोड़ के दावों से संबंधित एनआरसी का मसौदा प्रकाशित किया जाना चाहिए। असम में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए एनआरसी तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “मैं अनुरोध करती हूं कि इस से कोई वास्तविक नागरिक नहीं छोड़ा जाए।”
1951 के एनआरसी को असम और राज्य सरकारों और अखिल असम स्टुडेंट्स यूनियन (एएएसयू) के बीच त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार नवीनीकृत किया जा रहा है, जो 2005 में 1985 असम समझौते के कार्यान्वयन के लिए पहुंचे थे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया (भी कांग्रेस) ने पिछले महीने मध्य प्रदेश के अशोकनगर में वायरलेस टावर से लटके पाए एक पुलिसकर्मी द्वारा कथित आत्महत्या की सीबीआई जांच की मांग की।
सिंधिया ने कहा कि उसकी जेब में पाया गया एक कागज़ात में कुछ पुलिस अधिकारियों के नाम थे, जिन्होंने कथित तौर पर उसे परेशान किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक सहायक उप-निरीक्षक सतीश रघुवंशी (55) अपनी यूनिफार्म में थे जब उनके शरीर को कोतवली और देहट (ग्रामीण) पुलिस स्टेशनों के बीच स्थित टॉवर से लटका पाया गया था।