विक़ार के दूसरे पोस्टमार्टम की ज़रूरत नहीं:हाइकोर्ट

हैदराबाद हाईकोर्ट ने मुश्तबा दहश्तगर्द विक़ार का दुबारा पोस्ट मार्टम करने इस के वालिद की दरख़ास्त को मुस्तर्द कर दिया। विक़ार और चार साथी इस माह के अवायल में तेलंगाना के ज़िला नलगेंडा में मुबय्यना पुलिस एनकाउंटर में हलाक होगए थे।

जस्टिस विलास अफ़ज़ल पर कर ने इस ज़िमन में नलगेंडा के सुपरिन्टेन्डेन्ट पुलिस की तरफ़ से दायर करदा जवाबी हलफ़नामा और केस रिकार्ड का जायज़ा लेने के बाद कहा कि विक़ार की लाश के पहले पोस्टमार्टम में कोई ग़लती नहीं देखी गई है और आम हालात में दूसरे पोस्टमार्टम का हुक्म नहीं दिया जा सकता। जस्टिस विलास अफ़ज़ल पर कर ने इस तास्सुर का इज़हार भी किया कि पुलिस ने मुताल्लिक़ा अदालती हुक्काम की तरफ़ से जारी करदा तहक़ीक़ात के हुक्म पर ज़ाबता के मुताबिक़ कार्रवाई की है।

विक़ार के वालिद और दरख़ास्त गुज़ार मुहम्मद अहमद ने भी उस वक़्त पहले पोस्टमार्टम पर कोई एतेराज़ नहीं किया था और ना ही दूसरे पोस्टमार्टम का मुतालिबा किया था, जब उन्हें विक़ार की लाश दी गई थी। वाज़िह रहे के इस फ़र्ज़ी एनकाउंटर के वाक़िया और इस में पुलिस की किसी ख़ामी या ग़लती का पता चलाने के लिए रियासती हुकूमत ने एक ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम (एस आई टी) तशकील दी है।

उन्होंने कहा कि अगर ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम मुनासिब समझती है तो महलूक विक़ार की लाश के दुबारा पोस्टमार्टम की दरख़ास्त भी करसकती है। बिशमोल विक़ार, पाँच ज़ेर दरयाफ़त क़ैदी उस वक़्त नलगेंडा में पेश आए एक मुबय्यना फ़र्ज़ी एनकाउंटर में हलाक होगए थे जब 7 अप्रैल को उन्हें वर्ंगल की एक जेल से हैदराबाद लाया जा रहा था। विक़ार के वालिद ने क़ब्लअज़ीं इन हलाकतों के ज़िम्मेदार पुलिस अहलकारों के ख़िलाफ़ एफ़ आई आर दर्ज करने और इस केस की तहक़ीक़ात सी बी आई के सपुर्द करने का मुतालिबा भी किया था।