सरकार के नोटबंदी के फैलसे के कारण पूरा भारत एटीएम कि लाइन में खड़ा है। प्रधानमंत्री ने काले धन को वापिस लाने के लिए नोटबंदी का बड़ा फैसला लिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि देश के उद्योगपति अम्बानी-अडानी और नेताओ के पास जमा काले धन में से कितने पैसे वापिस आते हैं।
इस बीच भारतीय स्टेट बैंक ने सरकार द्वारा भगोड़ा घोषित विजय माल्या सहित 63 कर्जदारों का तकरीबन सात हजार करोड़ रुपए का बकाया लोन डूबा हुआ मान लिया है। डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, बकाया वसूल नहीं कर पाने पर शीर्ष 100 विलफुट डिफाल्टरों में से 63 पर 7016 करोड़ रुपए का लोन माफ करने का फैसला किया है।
बैड लोन (वसूला न जा सकना वाला लोन) का मुद्दा पिछले कुछ सालों से चर्चा में रहा है। कारोबारी विजय माल्या पर विभिन्न बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये का बकाया था।
रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई के 63 डिफाल्टरों का पूरा कर्ज छोड़ दिया है। वहीं 31 कर्जदारों का लोन आंशिक तौर पर छोड़ा गया है। छह अन्य कर्जदारों पर बकाया लोन को नॉन पर्फॉर्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित कर दिया गया है। 30 जून 2016 तक एसबीआई 48 हजार करोड़ रुपये का बैड लोन माफ कर चुका है।
हालांकि ये लोन कब माफ किए गए इसकी तारीख नहीं बताई गई है। जिन लोगों का कर्ज छोड़ा गया है उनमें किंगफिशर एयरलाइंस ( करीब 1201 करोड़ रुपये), केएस ऑयल (596 करोड़ रुपये), सूर्या फार्मास्यूटिकल (526 करोड़ रुपये), जीईटी पावर (400 करोड़ रुपये) और साई इंफो सिस्टम (376 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने शराब कारोबारी विजय माल्या और अन्य के खिलाफ धन शोधन से जुड़े मामलों में 1620 करोड़ रुपये की नई संपत्तियों को कुर्क कर लिया है।