विधानसभा चुनाव : उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक बहुल इलाके

उत्तर प्रदेश के जिलों में अधिकांश हिन्दू जनसंख्या के अनुपात में गिरावट देखी गई है। जहां एक ओर राजनीतिक दल राज्य में हिन्दू-मुस्लिम आबादी क़ो लेकर चुनावी फायदा हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं वहीँ जनगणना कार्यालय में जिले के साथ-साथ तहसील वार डाटा उपलब्ध करवाया गया है जो इसकी सही तस्वीर प्रस्तुत करता है।
संडे स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसँख्या 199812341 थी जिसमें हिंदुओं की 159312654 और मुस्लिमों की तादाद 38483967 थी। इन आंकड़ों से पूरी जनसँख्या में हिंदुओं का प्रतिशत 80.61 जबकि मुसलमानों की भागीदारी 18.50 थी। वर्तमान आंकड़ों में हिंदुओं का अनुपात घटकर 79.73 जबकि मुस्लिमों का प्रतिशत बढ़कर 19.26 हो गया है। यह अनुपात वास्तविक जनसांख्यिकीय परिदृश्य प्रस्तुत करता है। सरकारी सूत्रों के अनुसार अनुपात दर में गिरावट दिखाती है कि विकास एक ही दर समान नहीं है, क्योंकि यह साल 2001 से 2011 यानि 10 साल के अंतराल के दौरान नकारात्मक में चली गई है। यह सरकारी आंकड़े हैं और इसमें कोई राजनीति नहीं है।

उदाहरण के लिए, सहारनपुर जिले के आंकड़े दिखाते हैं कि साल 2001 से 2011 के बीच में हिंदुओं के अनुपात में 2.74 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2001 में हिंदुओं का प्रतिशत 59.49 था जो साल 2011 में 56.74 प्रतिशत हो गया में जबकि मुस्लिम उस अवधि में 39.11 फीसदी थे जो साल 2011 में 41.95 हो गए।
उत्तर प्रदेश में जाति और समुदाय के समीकरणों को भुनाने के लिए कोशिश की जा रही है लेकिन जमीनी हकीकत में एक अलग परिवर्तन दिख रहा है। जिले की देवबंद तहसील में साल 2001 में हिन्दू जनसंख्या का प्रतिशत 70.19 था जो वर्ष 2011 में गिरकर 59.80 प्रतिशत पर आ गया। जिले की देवबंद तहसील इस गिरावट की साक्षी है।