दरअसल, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने एक गोपनीय नोट में यह दलील दी कि शीर्ष तकनीकी पदों पर महिलाओं की तैनाती नहीं होने का कारण उनका पुरुषों से जैविक अंतर का होना है.
उन्होंने लिखा, ‘हमें लैंगिक अंतर को लिंगभेद नहीं समझना चाहिए.’
इस इंजीनियर की तीखी आलोचना की गई, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें गूगल के कई साथी के आभार प्रकट करते व्यक्तिगत संदेश मिले हैं.
कंपनी के इंटरनल डिस्कशन बोर्ड पर पोस्ट किए गए इस पूरे लेख को टेक वेबसाइट गिज़मोदो ने छापा है
इस लेख के लेखक का नाम ज़ाहिर नहीं हो पाया है है. इस लेखक ने लिखा है, ‘जैविक कारणों से पुरुषों और महिलाओं की क्षमताएं अलग अलग होती हैं, और ये अंतर यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि हम तकनीक और नेतृत्व के शीर्ष पदों पर पुरुषों के समान महिलाओं का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं देखते.’
उन्होंने आगे लिखा, ‘आम तौर पर महिलाएं समाज कल्याण या कला के क्षेत्रों में नौकरियां पसंद करती हैं जबकि पुरुषों को कोडिंग अधिक पसंद है.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गूगल की नई विविधता प्रमुख डेनियल ब्राउन ने कहा, ‘इस मुद्दे पर इस नई बहस ने मुझे कुछ कहने के लिए मजबूर किया.’
इंटरनल टेक वेबसाइट मदरबोर्ड के अनुसार उन्होंने कहा, ‘मैं या कंपनी इस लेख का न तो समर्थन या प्रोत्साहित करती है और न ही इसे बढ़ावा देती है.’
उन्होंने कहा, ‘विविधता और समावेश करना, लगातार विकसित करने को तत्पर हमारे मूल्यों और संस्कृति का एक मूलभूत हिस्सा हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘एक कंपनी के रूप में हमें स्पष्ट रूप से विश्वास है कि विविधता और समावेश करना हमारी सफलता के लिए महत्वपूर्ण है, और हम इसके लिए लंबे समय के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.’
स्रोत : बीबीसी हिंदी