एक मुक़ामी अदालत ने मैरीन ड्राईव पुलिस को हुक्म दिया है कि कांग्रेस के एक रुकन असेंबली के रिश्तेदार को क़ानूनी चाराजोई की ज़द में आने से बचाने के लिए साबिक़ा मौक़ा पर बहसीत वज़ीर-ए-आला मर्कज़ी वज़ीर विलास राव देशमुख की तरफ़ से अपनी पोज़ीशन के मुबय्यना ग़लत इस्तेमाल की तहक़ीक़ात की जाए।
अदालत ने हाल ही में की जाने वाली एक आम शिकायत का नोटिस लेते हुए पुलिस को हिदायत दी है कि वो मुआमला की छान बीन करके 16 अप्रैल तक एक रिपोर्ट दाख़िल करे। एम एल ए का रिश्तेदार मराठवाड़ा के ज़िला विदर्भ में क़र्ज़ देने के एक धंदे में मुलव्वस था।
मुआशरती ख़िदमात गार ए एम चोधरी ने मेट्रोपोलिटीन मजिस्ट्रेट की अदालत में एक अर्ज़ी दाख़िल करके मुतालिबा किया था कि मुआमला की छानबीन की जाए और मिस्टर देशमुख,कांग्रेसी रुकन असैंबली दिलीप कामत सुनंदा और इनके भाई के ख़िलाफ़ एफ़ आई आर दर्ज की जाए।
ये इत्तिला इनके वकील आशिष गिरी ने दी है। मिस्टर देशमुख पर ये इल्ज़ाम है कि उन्होंने पुलिस से कहा था कि एम एल ए के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज ना की जाए । ये वाक़्या मई 2006 का है जब वो वज़ीर-ए-आला थे।