मध्य प्रदेश के धार जिले में विवादास्पद स्मारक भोजशाला में 12 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर पूजा और नमाज की प्रस्तावित व्यवस्था को हिंदू संगठनों ने नकार दिया है। संगठनों का कहना है कि वे विवादित स्थल के बाहर धरना देंगे अगर वहां जुमे की नमाज के लिए रजामंदी दी गई। धर्म जागरण मंच के कन्वीनर गोपाल शर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ”सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक अगर हमें बिना किसी बाधा के वहां रहने की इजाजत नहीं दी गई तो हिंदू बहिष्कर करेंगे। हमें पूरा यकीन है कि 11 फरवरी तक कोई न कोई रास्ता निकाल लिया जाएगा।” शर्मा ने यह भी कहा कि उनके कुछ कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को फोन करके इस बारे में बताया और शर्मा ने भी 12 फरवरी से पहले उनके पक्ष में रास्ता निकालने का वायदा किया है।
धर्म जागरण मंच के कुछ कार्यकर्ताओं ने जहां मांग न पूरी होने पर प्रशासन को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है, वहीं कुछ अन्य ने यह कहा है कि आखिरी वक्त पर फैसला लिया जाएगा। बता दें कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने कहा है कि हिंदू इस स्थल पर सूर्योदय से लेकर दोपहर तक और बाद में शाम साढ़े तीन बजे से सूर्यास्त तक पूजा कर सकेंगे। वहीं, मुसलमान दोपहर एक बजे से तीन बजे तक नमाज अदा कर सकेंगे। 2013 में ऐसी ही व्यवस्था फेल हो गई थी क्योंकि हिंदू संगठनों ने तयशुदा वक्त पर जगह खाली करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पुलिस को बल का इस्तेमाल करना पड़ा था। प्रशासन ने तब प्रतीकात्मक तौर पर कुछ मुस्लिमों को वहां नमाज अदा करवाकर सुरक्षित बाहर छोड़ा था। अब हिंदू संगठन के समझौता न करने के एलान से स्थानीय प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।
क्या है विवाद भोजशाला को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने संरक्षित कर रखा है। एक धार्मिक पक्ष का मानना है कि यह प्राचीन स्थान वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, जबकि दूसरा समुदाय इसे अपनी इबादतगाह बताता है। एएसआई की ओर से की गयी व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर जुम्मे (शुक्रवार) को इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत है। संयोग से इस बार बसंत पंचमी शुक्रवार (12 फरवरी) को पड़ रही है। इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार कोशिश कर रही है कि इस दिन भोजशाला मसले को लेकर कोई अप्रिय स्थिति पैदा न हो। विवादित भोजशाला में पूजा और नमाज को लेकर हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के बीच कोई सौहार्दपूर्ण हल निकालने की कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। बता दें कि इससे पहले भी जब-जब बसंत पंचमी शुक्रवार के दिन आई है उस दौरान धार शहर में दोनों समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न होता रहा है।
जनसत्ता
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