विवेक तिवारी हत्या- आरोपी की मदद के लिए मुहिम चला रहा सिपाही, ‘पुलिस विद्रोह’ की धमकी भी

एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या करने वाले आरोपी कांस्टेबलों की आर्थिक मदद के लिए एक सोशल मीडिया पर एक मुहिम चलाई जा रही है.

बताया जा रहा है कि इसके पीछे कोई और नहीं लखनऊ एसएसपी के ऑफिस में तैनात एक सिपाही है. इतना ही नहीं पुलिस में विभाग में विद्रोह की भी धमकी दी जा रही है. इससे पता चलता है कि इस कांड को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस कितनी संजीदा है.

सवाल इस बात का है कि जब सोशल मीडिया में इस तरह की मुहिम चलाई जा रही है तो क्या इसकी जानकारी पुलिस के आलाधिकारियों को नहीं है.

यह भी अपने आप में हैरत भरा कि जब कांस्टेबलों पर लगे आरोप को सीएम योगी सहित यूपी पुलिस के आलाधिकारी भी मान रहे हैं तो फिर इस तरह की मुहिम चलाने के पीछे क्या पुलिस विभाग में अनुशासन की साफ धज्जियां नहीं उड़ रही हैं.

वहीं दूसरी ओर लखनऊ में पुलिस की गोली से मारे गए एप्पल कंपनी के कर्मचारी विवेक तिवारी के बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार ने 5-5 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है साथ ही मृतक की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी, उनके रहने का इंतज़ाम, इस केस में कठोरतम कार्रवाई और हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

मृतक की पत्नी कल्पना तिवारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिली हैं. उनके साथ परिवार के कुछ और सदस्य भी मौजूद थे.

इससे पहले डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी आज सुबह पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे थे. वहां से मृतक के परिवार को सीएम से मिलवाने के लिए अपने साथ लेकर मुख्यमंत्री निवास आए.

मुलाक़ात के बाद कल्पना ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने मुझे हर संभव मदद का आश्वासन दिया है और मुझे योगी सरकार पर पूरा भरोसा है.

ऐसे उड़ रही हैं कानून धज्जियां 

  1. शनिवार सुबह आरोपी कांस्टेबल प्रशांत और उसकी पत्नी राखी मलिक ने गोमती नगर थाने में प्रेस कांन्फ्रेंस कर सीएम योगी पर आरोप लगाया कि उन्हीं के कहने पर एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है.
  2. दूसरे दिन राखी मलिक एक जींस और राउंड नेक टीशर्ट में एसएसपी ऑफिस में हंगामा किया और कहा कि एफआईआर दर्ज की जाए जबकि पुलिस के नियम के मुताबिक कोई भी सिपाही अधिकारी के सामने हमेशा वर्दी में ही जाएगा.
  3. सिपाही रोहित पाल जो कि एसपी नॉर्थ के दफ्तर में तैनात हैं, वह फेसबुक पर मुहिम आरोपियों की मदद के लिए पांच करोड़ की मदद का अभियान चला रहे हैं. उन्होंने बैंक खाता भी डाला है. इसके साथ ही वह अधिकारियों की कार्रवाई पर भी सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने लिखा है कि प्रशांत की पत्नी की गुहार नहीं सुनी जा रही है.
  4. कांस्टेबल विष्णु चाहर ने लिखा है कि पुलिसवालों को राइफल के बजाए झुनझुना दें ताकि हम उसको बजाते रहें और सरकार के गुण गाते रहें.
  5. सिपाही प्रदीप यादव ने सोशल मीडिया पर डीजीपी को चेतावनी दी है कि ऐसा कुछ न करें नहीं तो 1973 दोहराया जा सकता है. 1973 पुलिस विद्रोह हुआ था जिसमें गोली चली थी.
  6. सिपाही ने चौधरी रवि तेवतिया ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मेरठ में गोली नहीं चलाई गई तो भी पांच सिपाही सस्पेंड कर दिए गए और यहां गोली चलाई तो 302 लिख दी गई. समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें
  7. सिपाही आरके शुक्ला ने लिखा है कि सस्पेंड और लाइन हाजिर दोनों चलेगा लेकिन जेल नहीं जाएंगे. लूट होती है होने दो, डकैती होती है होने दो.​

रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक और आशुतोष टंडन ने भी विवेक की अंत्येष्टि से पहले परिवार से मिला था और समय सीमा के भीतर मदद का वादा किया था. ब्रजेश पाठक ने कहा कि इसकी भरपाई तो नहीं की जा सकती है लेकिन मदद निश्चित तौर पर समय सीमा के भीतर की जाएगी.

साभार- NDTV .COM