मोरादाबाद: 70 वर्षों तक, उत्तर प्रदेश के गांव में वाल्मीकि समुदाय के सदस्यों को ऊपरी जाति के नियमों के कारण बाल कटवाने की अनुमति नहीं थी। खुद को इस्लाम में बदलने की धमकी के बाद अब उन्हें बाल कटवाने की अनुमति दे दी गयी है ।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को दलित विरोधी के रूप में वर्णित करते हुए, मोरादाबाद जिले के पचास वाल्मीकि समुदायों के परिवारों ने हिंदू धर्म को त्याग कर इस्लाम को अपनाने की धमकी दी।
आजादी के कई सालों के बाद भी, वाल्मीकि समुदाय को कथित रूप से नाइयों से बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने की अनुमति नहीं दी गई है।इसका कारण है की अगर कोई भी उनके बाल काटेगा या दाढ़ी बनाएगा तो ऊंची जाती के लोग उन रेज़र को “अशुद्ध और मैला ” घोषित कर उनका बहिष्कार करेंगे।
एक महीने पहले, एक मुस्लिम नाई ने वाल्मीकि परिवार के बाल कटाने के लिए सहमति दी थी। लेकिन जब वे बाल कटवाने उसके पास गए तब उसने इन्कार कर दिया । कथित तौर, बीजेपी के दबाव के बाद पर नाई ने बाल काटने से माना कर दिया था । इसके बाद वाल्मीकि समुदाय के लोगो ने एक बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया और खुद को इस्लाम में परिवर्तित करने की धमकी भी दी।
लोगों ने भाजपा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया और अपने घरों में लगी हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियों को रामगंगा नदी में डुबो दिया ।
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बजरंग दल के कार्यकर्ता ने वहाँ पहुँच कर उन्हें बहुत समझाने की कोशिश करी लेकिन वालमीकि समाज ने उनकी एक न सुनी और उन्हें इस्लाम अपनाने और नमाज़ पढ़ने की धमकी दी।
वाल्मीकि एक दलित समुदाय है, जिसका ऊपरी जाति ने ऐतिहासिक रूप से बहिष्कार किया है जिसके कारण उन्हें शुरू से उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।