सीडी मामले में फंसे मर्कज़ी वजीर (केंद्रीय मंत्री) और हिमाचल प्रदेश के साबिक वज़ीर ए आला वीरभद्र सिंह मंगलवार दोपहर अपने ओहदे से इस्तीफा दे दिया जिसे वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह ने कुबूल कर लिया।
इस्तीफा देने के बाद वीरभद्र सिंह ने कहा कि वे पिछले 50 सालों से रीयासत (राज्य) से लेकर मर्कज़ की राजनीति में अलग अलग ओहदे पर रहें हैं लेकिन उनकी ईमानदारी पर किसी ने सवाल नहीं उठाया है।
उन्होंने कहा कि वे आज भी खुद को पाक-साफ मानते हैं। उन्होंने इस्तीफा सिर्फ इसलिए दिया है ताकि उनके वज़ह से मर्कज़ की यू पी ए सरकार तनाज़ात (विवादों) में न फंसे। उन्होंने बदउनवानी (भ्रष्टाचार) मामले में फंसाने का इल्ज़ाम हिमाचल के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पर आरोप लगाया।
सोमवार को शिमला की खास अदालत ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीडी मामले में इल्ज़ाम तय किए थे। उन्होंने अपना सरकारी बयान देते हुए कहा था, ‘मैं प्रधानमंत्री को इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं।’
इससे पहले वीरभद्र सिंह ने कहा था कि वह इस मामले में प्रधानमंत्री से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर वह इस्तीफा देने को कहेंगे, तो दे दूंगा। अगर जरूरी हुआ तो मैं खुद मुख्तार (आजाद) होकर चुनाव लडूंगा और मैदान में कूदूंगा।
मैं किसी से भी नहीं डरता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति चुनाव मुद्दे पर मशरूफ हैं। वह उनसे जल्द मिलकर अपनी बात रखेंगे।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि सीडी मामला उनके खिलाफ मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की एक साजिश है। मेरे खिलाफ मुकदमे बनाने की कोई नई बात नहीं है। पहले भी कई झूठे मुकदमे बनाए गए और सेशन कोर्ट में मामले रद्द हुए हैं और हाईकोर्ट में अपीलें खत्म हुई हैं। सीडी मामला एकदम झूठा और इंतेकाम के ज़जबात से बनाया गया है। न सिर्फ यह मुकदमा झूठा है बल्कि सुबूत भी झूठे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन दो लोगों, कपिल मोहन व पीसी जैन की स्टेटमेंट आइपीसी के तहत दर्ज है उनके बयान में दस्तखत नहीं हैं, क्योंकि क्वानीन ( कानून) में प्रावधान नहीं है। सोमवार को इस मामले में अदालत ने कहा है कि इसकी बुनियाद को देखना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि दोनों के नाम गवाहों में हैं और दोनों ने अलग-अलग अपीलें हाईकोर्ट में दायर की हैं कि यह बयान उनसे नहीं लिए गए।
एक व्यक्ति ने कहा है कि मेरे पास बयान के लिए लोग आए थे, तब उसने कहा था कि वह 1995 से पहले तो शिमला ही नहीं आया। जबकि मामला उससे पहले का है। जबकि दूसरे गवाह ने कहा कि उसके पास बयान के लिए कोई नहीं आया। इससे साबित होता है कि गवाह झूठे बनाकर इंतेकाम के ज़जबे से काम हुआ है।