सरबराह फ़ौज जनरल वी के सिंह और हुकूमत के दरमयान इन के वज़ीर-ए-आज़म के नाम क़ौमी सलामती के बारे में मकतूब के अफ़शा-ए-के सिलसिला में कशीदगी में मज़ीद इज़ाफ़ा हो गया, जिस की वजह से जनरल वी के सिंह की सरबराह फ़ौज के ओहदा से बरतरफ़ कर देने के मुतालिबात का भी आग़ाज़ हो गया क्योंकि वज़ीर-ए-दिफ़ा ए के अनटोनी ने तीक़न दिया था कि मुनासिब कार्रवाई की जाएगी।
अनटोनी ने अरकान राज्य सभा से संगीन अंदेशों के इज़हार के बाद कहा था कि उन्होंने तब्सिरों का संजीदगी से नोट लिया है। वज़ीर-ए-आज़म और साथीयों से मुशावरत भी की है और मुनासिब कार्रवाई की जाएगी। समाज वादी पार्टी और राष्ट्रीय जनतादल ने मुतालिबा किया कि जनरल वी के सिंह को सरबराह फ़ौज के ओहदा से बरतरफ़ कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि हुकूमत और अपोज़ीशन दोनों ने इत्तेफ़ाक़ किया था कि अंदेशों को बरसर-ए-आम नहीं आना चाहीए।
दरीं असना अपोज़ीशन पार्टीयों ने ज़राए इबलाग़ में सरबराह फ़ौज के मकतूब के मतन के अफ़शा-ए-पर ईज़हार-ए-तशवीश किया। बी जे पी ने कहा कि मकतूब का मतन ख़ौफ़ज़दा करने वाला है। कांग्रेस ने मुहतात रवैय्या इख्तेयार करने की वकालत करते हुए कहा कि बरतर्फ़ी मसला का हल नहीं है।
अरकान की जानिब से मकतूब के सहाफ़त में अफ़शा की तहक़ीक़ात का आग़ाज़ करने के लिए पर ज़ोर मुतालिबा किया गया।