नामवर मुजाहिद आज़ादी और सहाफ़ी पंजाब में दहश्तगर्दी की मुख़ालिफ़त पर क़तल कर दिए गए थे
मुजाहिद आज़ादी और नामवर सहाफ़ी लाला जग नारायण की याद में एक यादगारी स्टैंप वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने जारी किया। 32 साल क़बल पंजाब में दहश्तगर्दी की मुख़ालिफ़त करने पर लाला जगत नारायण को गोली मार दी गई थी। 5 रुपये मालियती स्टैंप का अपनी क़ियामगाह पर रस्म इजरा अंजाम देते हुए वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि सहाफ़ीयों को दयानतदार, निडर और ग़ैर जांबदार कहते हुए अपने फ़राइज़ अंजाम देना चाहीए।
चाहे हालात आज़माईशी क्यों ना हो। यादगारी स्टैंप के रस्म इजरा में कई अहम शख़्सियतों बिशमोल मर्कज़ी वुज़रा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर्स और रोज़नामा पंजाब केसरी के ऐडीटर एनचीफ़-ओ-सी ई ओ चोपड़ा ने शिरकत की। मनमोहन सिंह ने कहा कि बहैसीयत सहाफ़ी अपने कैरीयर में लाला जगत नारायण ने ज़राए इबलाग़ पर कंट्रोल की तमाम कोशिशों की मुख़ालिफ़त की।
उनकी बे ख़ौफ़ी मिसाली है। लाला जगत नारायण की ज़िंदगी पर रोशनी डालते हुए वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि उन्होंने दहश्तगर्दी की मुख़ालिफ़त की और उसकी क़ीमत उन्हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि उन्होंने ज़राए इबलाग़ के किरदार के बारे में एक अहम पैग़ाम छोड़ा है। सहाफ़ी को दयानतदार, निडर और ग़ैर जांबदार रहते हुए आज़माईशी हालात में भी अपने फ़राइज़ अंजाम देना चाहीए।
कुहनामुशक सहाफ़ी को आज ही के दिन 1981 में लुधियाना के क़रीब गोली मार कर हलाक कर दिया गया था जबकि पंजाब में दहश्तगर्दी उरूज पर थी। मनमोहन सिंह ने याद देहानी की कि जगत नारायण ने 21 साल की उम्र में हुसूल-ए-ताअलीम तर्क कर दिया था और महात्मी गांधी की अपील पर अदम तआवुन तहरीक में शरीक होगए थे। जेल में क़ैद रहने के दौरान भी उन्होंने लाला लाजपत राय के सेक्रेटरी की हैसियत से काम करते हुए जंग-ए-आज़ादी में हिस्सा लिया।
उन्हें हिन्दुस्तान छोड़ दो तहरीक में शिरकत के लिए दुबारा 3 साल की सज़ाए क़ैद सुनाई गई। इस तरह जद्द-ओ-जहद आज़ादी के दौरान उन्होंने जुमला 9 साल क़ैद की सज़ा-ए-काटी। वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि उनके हिंद । समाचार ग्रुप के तहत 3 रोज़नामे शाय किए जाते हैं और उनके क़ारईन की तादाद 33 लाख है।
बी जे पी क़ाइद एल के अडवाणी, वज़ीर-ए-इतेला-आत-ओ-नशरियात मनीष तिवारी, चीफ़ मिनिस्टर हिमाचल प्रदेश वीरभद्र सिंह और हरियाणा के चीफ़ मिनिस्टर भूपेंद्र सिंह भोटा के अलावा पंजाब के डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर सुखवीर सिंह बादल, साबिक़ वज़ीर-ए-क़ानून अश्वनी कुमार और साबिक़ आई पी ऐस ओहदेदार के पी ऐस गुल भी रस्म इजरा में शरीक थे। वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि समाजी मीडिया सियासी दुनिया की तामीर जदीद कर रहा है। ताहम इस में कई ख़तरे भी दरपेश हैं।