रियासत में वजीरे आला के नाम का फैसला होने के पहले ही काबीना में शामिल होने के लिए लॉबिंग शुरू हो गयी है। भाजपा के कई एमएलए अपने आपको वज़ीर ओहदे का दावेदार मान रहे हैं। हर सतह पर रसूखदारों से अपने लिए लॉबिंग करा रहे हैं।
पार्टी मुब्सिरीन के पहुंचते ही जुमेरात की रात होटल बीएनआर चाणक्या में एमएलए का तांता लगा हुआ था। तमाम जुगत लगा कर किसी क़िस्म की अपनी बात मुब्सिरीन तक पहुंचाना चाहते थे। कुछ एमएलए संघ से जुड़े लोगों से और कई एमएलए संघ तक डाइरेक्ट अपनी पैरवी करवाने में लगे हैं। जिनकी पहुंच नहीं है वह रियासात के लीडरों से ही मिल कर पैरवी कर रहे हैं। गुजिशता तीन दिनों से रघुवर दास का नाम वजीरे आला ओहदे के लिए बहस में रहने की वजह से उनके यहां भी एमएलए का तांता लगा है। मुबारक बाद देने के नाम पर कहते हुए सुना जा रहा है, सर जेहन में रखिएगा । एक दूसरा सेंटर साबिक़ वजीरे आला अर्जुन मुंडा का रिहाइशगाह भी बना हुआ है। वहां भी कई एमएलए अपनी पैरवी कराने पहुंच रहे हैं।
कई नामों की चर्चा : वजीरे आला का नाम तय होने के बाद अब काबीना को लेकर गॉशिप शुरू हो गयी है। कारकुनान अपने-अपने तर्क देकर एमएलए को वज़ीर का दावेदार बता रहे हैं। वज़ीर ओहदे को लेकर लुईस मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा, विमला प्रधान, राधाकृष्ण किशोर, अनंत ओझा, राज पालिवाल, शिवशंकर उरांव, बिरंची नारायण, नीरा यादव समेत दीगर एमएलए के नामों को लेकर चर्चा का बाजार गरम है। इनके अलावा सीपी सिंह और सरयू राय को भी दावेदार बताया जा रहा है। ज़राये का कहना है कि दोनों में एक सख्श को एसेम्बली सदर और एक सख्श को वज़ीर बनाया जा सकता है। एक बार फिर से सीपी सिंह को एसेम्बली सदर बनाये जाने की चर्चा है। वहीं सरयू राय को फाइनेंस वज़ीर बनाने की कयास लगाया जा रहा है।