मुंबई। डाइरेक्टर दिबाकर बनर्जी अपनी आने वाली फिल्म शंघाई को लेकर बहुत खुश हैं और उन्हें लगता है फिल्म देखनेवालों को जरूर पसंद आएगी। शंघाई एक पॉलिटिकल थ्रिलर फिल्म है।
दिबाकर ने खोसला का घोंसला, ओए लक्की लक्की ओए, एलएसडी जैसी फिल्में दी हैं। उन्हें लगता है शंघाई ग्रीस के लेखक वेसिलिस वेसिलीकोस की किताब जेड की तरह है। दिबाकर कहते हैं देखने वालों को फिल्म पसंद आ भी सकती है और नहीं भी आ सकती है। लेकिन मुझे एक बात पता है कि वो फिल्म को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। इस तरह की फिल्म भारत में पहले नहीं बनी है। इसका तरीका एकदम अलग है।
दिबाकर कहते हैं फिल्म का दूसरा भाग किताब जेड से अलग है क्योंकि वो इसमें भारतीय राजनीति को दिखाना चाहते हैं। फिल्म में अभय देओल, इमरान हाशमी, प्रसेनजीत और कल्कि अहम रौल में है और इन्होंने समाज के चार भिन्न वर्ग का अहाता किया है।