शबनम हाश्मी तमाम सरकारी पैनल्स से मुस्ताफ़ी

नई दिल्ली, 29 दिसंबर: (पीटीआई) समाजी कारकुन शबनम हाश्मी ने आज सेन्ट्रल‌ एडवाइज़री बोर्ड आफ़ एजूकेशन के ब‌शमोल 5 सरकारी पैनल्स से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि कांग्रेस ने गुजरात असेंबली इंतेख़ाबात में नरेंद्र मोदी की कामयाबी को यक़ीनी बनाने के लिए सहूलत फ़राहम की।

उन्होंने इस बारे में ये नहीं बताया कि आख़िर कांग्रेस ने क्या सहूलत फ़राहम की। शबनम हाश्मी जो एक एन जी ओ की बानी रुकन हैं। मौलाना आज़ाद एजूकेशन फाउंडेशन, नेशनल मॉनीट्रिंग कमेटी बराए मायनारीटी एजूकेशन, नेशनल लिटरेसि मिशन कौंसल और अससमेंट ऐंड मॉनीट्रिंग अथॉरीटी आफ़ प्लानिंग कमीशन के इलावा सी ए बी ई से भी इस्तीफ़ा दिया है। उनका कहना है कि वो बतौर‍ ए‍ एहतिजाज हुकूमत के तमाम कमेटियों से इस्तीफ़ा दे रही हैं।

मोदी के दौर-ए-हकूमत में गुजरात के मज़लूम अवाम की आरज़ुओं का गला घोंट कर कांग्रेस ने धोका दही की है। मैं इस धोखा दही के ख़िलाफ़ बतौर‍ ए‍ एहतिजाज इस्तीफ़ा दे रही हूँ। उन्होंने कांग्रेस का हवाला देते हुए कहा कि मोदी के ख़िलाफ़ गुजरात में ज़बरदस्त लहर चल रही थी, लेकिन इंतिख़ाबी फ़ैसले में मोदी के ख़िलाफ़ उठने वाली इस लहर का कोई असर नहीं देखा गया।

मोदी के इंतेख़ाबात जीतने की कोई गुंजाइश नहीं थी, लेकिन उनकी कामयाबी पीछे कांग्रेस हाथ ज़रूर है। यू पी ए की क़ियादत करने वाली पार्टी ने अंदरूनी तौर पर कुछ ना कुछ खेल खेला है। ताहम उन्होंने ये वाज़िह नहीं किया कि आख़िर कांग्रेस ने मोदी की कामयाबी में किस तरह मदद की।

उन्होंने कहा कि गुजरात इंतेख़ाबात के फ़ैसला की आज़ादाना तहक़ीक़ात की जानी चाहीए। 13 और 17 दिसंबर के इंतेख़ाबात से क़बल रियासत में बैरूनी सिफ़ारतकारों और सहाफ़ीयों की मौजूदगी अहम मायने रखती है। गुजरातियों ने मोदी के ख़िलाफ़ वोट दिया था फिर भी वो कामयाब हुए।