शहर में तालाबों की रेलिंग टूट गई, हुक्काम लापरवाह

हैदराबाद 7 जनवरी, ( सियासत न्यूज़ ) जमहूरी हुकूमतें साबिक़ फ़रमांरवां हैदराबाद की तरह शहर हैदराबाद-ओ-सिकंदराबाद की नई इमारतें देने से तो क़ासिर हैं लेकिन साबिक़ फ़रमांरवाने हैदराबाद की जानिब से की गई तामीरात के तहफ़्फ़ुज़ में भी नाकाम साबित होरही हैं। हुकूमत और महिकमा बलदिया के इलावा महिकमा पुलिस की जानिब से इख़तियार करदा लापरवाही दोनों शहरों के मोटर सैक़ल रानों या तेज़ रफ़्तार सवारीयों के मालकीन केलिए वबाल जान बनी हुई है। मदीना बिल्डिंग से नया पुल की सिम्त जाने वाले रास्ता पर मुसा नदी के सीधे किनारे पर वाक़्य रेलिंग जो टूटी हुई कई हादिसात का मूजिब बन सकती है।

इस रेलिंग को देखने को बाद इस बात का ख़दशा होता है कि अगर कोई तेज़ रफ़्तार सवार ग़लती से या फिर ट्रैफ़िक पुलिस की चालान मुहिम से बचने केलिए अचानक गाड़ी मोड़ने की कोशिश करता है तो वो सीधे पुल से नदी में पहुंच जाएगा।ये हालत सिर्फ़ नए पुल की नहीं है बल्कि हुसेन सागर की रेलिंग की हालत भी कुछ इसी तरह है। रियास्ती दफ़्तर मोतमदी ( सकरीटरीट ) के रूबरू लुंबिनी पार्क से निकलीस रोड की तरफ़ बढ़ने वाले हुसेन सागर के किनारे की रेलिंग का भी यही हाल है।

हुसैन सागर जहां पर रोज़ाना हज़ारों सय्याह सैर-ओ-तफ़रीह की ग़रज़ से पहुंचते हैं उन्हें इस बात का ख़ुसूसी ख़्याल रखना पड़ रहा है फुटपाथ से जुड़ी इस रेलिंग के क़रीब ना जाएं, चूँकि हुसेन सागर और फुटपाथ के दरमयान कोई रुकावट बाक़ी नहीं है लेकिन अर्बाब मजाज़ की ख़ामोशी से ऐसा महसूस होता है कि हुसेन सागर की ख़ूबसूरती में इज़ाफ़ा केलिए पराजकट तैय्यार कररहे इदारा की जानिब से शहरीयों की ज़िंदगीयों से खिलवाड़ किया जा रहा है या फिर येइदारा यहां रेलिंग के ना होने के सबब हादिसे का शिकार होते हुए शहरीयों के जान गंवाने का इंतिज़ार कररहा है।

नया पुल के सीधी जानिब जिस अंदाज़ में रेलिंग टूटी हुई है इस से ऐसा महसूस होता है कि किसी ने जान बूझ कर इस रेलिंग को तोड़ रखा है ताकि यहां से कचरा फेंकने में आसानी हो। लेकिन इस टूटी हुई रेलिंग पर शायद मौसी नदी को ख़ूबसूरत बनाने केलिए करोड़ों रुपय ख़र्च करनेवाली अज़ीम तर मजलिस बलदिया हैदराबाद के ओहदेदारों की नज़र नहीं पड़ी। मौसी नदी को ख़ूबसूरत बनाने केलिए एक जानिब करोड़ों रुपय ख़र्च किए जा रहे हैं तो दूसरी जानिब कचरा फेंकने केलिए उस जगह का इस्तिमाल शहरीयों को बलदिया की कारकर्दगी के मुताल्लिक़ मुश्तबा बना रहा है।

चूँकि बलदिया केताल्लुक़ से ये मशहूर है कि किसी भी पराजकट की तकमील से क़बल बाअज़ बलदी ओहदेदार पराजकट के अख़राजात में इज़ाफे़ केलिए मसाइल पैदा करते हैं ताकि पराजकट की लागत ज़्यादा से ज़्यादा होसकी। हुकूमत की इस लापरवाही से किसी भी वक़्त कोईसंगीन हादिसा पेश आसकता है। चूँकि मौसी नदी या हुसैन सागर दोनों मुक़ामात पर इतनी रेलिंग टूटी हुई है कि एक ट्रक बा आसानी हादिसा का शिकार होसकता है। मजलिस बलदियाअज़ीम तर हैदराबाद के ओहदेदारों को चाहीए कि वो फ़ौरी तौर पर हंगामी इक़दामात करते हुए शहर के इन मसरूफ़ तरीन मुक़ामात पर शहरीयों की हिफ़ाज़त केलिए रेलिंग की तंसीब का अमल शुरू करें।